चंडीगढ़। केन्द्र सरकार द्वारा कुछ समय पहले कृषि कानून पास किया गया था। जिसके बाद देश में आक्रोश का माहौल पैदा हो गया। लगातार विपक्षी पार्टीयों और किसानों द्वारा जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। किसानों का मानना है कि इस कानून के द्वारा निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कानून के विरोध में पंजाब के किसानों ने दिल्ली में टैक्ट्ररों में भी आग लगा दी थी। हालांकि इसका विरोध अब भी चिंगारी पकड़ रहा है। इस कानून के विरोध में कैप्टन अमरिंदर वाली पंजाब सरकार संसद में बिल पेश करने वाली है। जिसके लिए दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था।
बता दें कि आए दिन सरकार द्वारा किसी न किसी मुद्दे को लेकर चर्चाएं चलती रहती है। पहले सीएए, एनआरसी बिल को लेकर देश में काफी धरने प्रदर्शन चल रहे। जिसके बाद अब केन्द्र सरकार ने कृषि बिल पास कर दिया। जिसमें बताया गया है कि किसान अपनी फसल को कहीं भी किसी भी दाम में बेच सकता है। लेकिन किसानों को ये मंजूर नहीं है। अब यह बिल संसद में भी पेश हो गया है। जिसको लेकर कैप्टन सरकार ने दो दिन का विशेष सत्र बुलाया था। जिसका आज दूसरा दिन है। विपक्षी अकाली दल और आम आदमी पार्टी कांग्रेस का विरोध कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी के विधायको का कहना है कि कैप्टन सरकार के बिल का ड्राफ्ट साझा नहीं करने का विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते आप विधायको ने विधानसभा भवन में ही रात बिताई।
विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आप कृषि कानूनों के खिलाफ लाए जा रहे कानून का समर्थन करेगी। लेकिन सरकार को बिल के ड्राफ्ट साझा करने चाहिए। बिल का ड्राफ्ट देखे बिना हमारे विधायक महत्वपूर्ण मुद्दों पर कैसे चर्चा कर सकते हैं। गत सोमवार को आप और अकाली दल ने जमकर हंगामा किया। आज सदन की कार्रवाई सुबह 10 बजे से शुरू हो गई है। कृषि कानून के विरोध में बिल पेश किया जाएगा। पहले दिन कृषि बिल पर बहस न होने के कारण अकाली दल ने प्रदर्शन किया। इसी के साथ अकाली दल ने कैप्टन अमरिंदर पर फिक्स्ड मैच खेलने का आरोप भी लगाया है।