नई दिल्ली। भारतीय विमानन कंपनी एयर इंडिया कर्ज के बोझ तले दबी हुई है। कंपनी को अपने इस बोझ को कम करने के लिए 1500 करोड़ रुपये की दरकार है। इसके लिए कंपनी ने वर्किंग कैपिटल के लिए शॉर्ट टर्म लोन का मसौदा भी तैयार कर लिया है। बता दें कि बीते एक महीने में ये पहला मौका है जब सरकारी विमानन कंपनी ने अलपावधि कर्ज के लिए टेंडर निकाला है। दरअसल एयर इंडिया अपने करदाताओं के यहां गिरवी पड़ी है, जिसे छुड़ाने के लिए 1500 करोड़ रुपये की जरूरत है, ऊपर से इस समय कंपनी भारी घाटे के दौर से गुजर रही है।
वहीं दूसरी तरफ देश और विदेश की कई बड़ी कंपनियों ने एयर इंडिया को खरीदने में रूची दिखाई है। एयर इंडिया की तरफ से 18 अक्टूबर को जारी किए गए एक आदेश के मुताबिक कंपनी ने शॉर्ट टर्म लोन के लिए वित्तिय संस्थानों से प्रस्ताव मांगे हैं। कंपनी ने संस्थानों से ये बताने के लिए कहा है कि 26 अक्टूबर तक जितनी राशी वो कर्ज के रूप में देने के लिए तैयार है उसे तीन हिस्सों में होना चाहिए। कंपनी ने इस कर्ज की समयसीमा 27 जून 2018 तक बताई गई है। हालांकि इस समय सीमा को बढ़ाया भी जा सकता है।
एयर इंडिया ने बैंकों से 26 अक्टूबर तक अपनी निविदा सौंपने को कहा है। इसके अलावा लोन में दी जाने वाली राशि की भी जानकारी मांगी है। दस्तावेजों की माने तो बैंकों से स्वीकार्यता पत्र मिलने के बाद एयर इंडिया तीन कार्यदिवसों के अंदर कर्ज की राशी हासिल कर लेगी। गौरतलब है कि बीते महीने भी कंपनी ने 3,250 करोड़ रुपये के शॉर्ट लोन के लिए बैंकों से प्रस्ताव मांगे थे। हालांकि ये पता नहीं चल पाया है कि उस समय एयर इंडिया को बैंकों की ओर से पर्याप्त राशि मिली थी या नहीं।