नई दिल्ली। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान की आलोचना की कि भीड़ हत्या ‘पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए इसका भारत के परिप्रेक्ष्य में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के नागपुर में एकजुटता पर दिये एक बयान पर कटाक्ष करते हुए मंगलवार को कहा कि जिस दिन वह इस संदेश का पालन करने लगेंगे उस दिन देश की भीड़ हत्या एवं नफरत जैसी सारी समस्या समाप्त हो जाएगी।
बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख ओवैसी ने कहा कि भीड़ हत्या के ‘पीड़ित भारतीय हैं और आरोप लगाया कि भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं। हैदराबाद से सांसद ने कहा कि ” पीड़ित भारतीय हैं। दोषियों को किसने माला पहनाई थी, किसने उन्हें लपेटा था। हमारे पास गोडसे प्रेमी भाजपा सांसद हैं।
वहीं ओवैसी ने ट्वीट किया कि गांधी और तबरेज़ अंसारी की हत्या जिस विचारधारा ने की उसकी तुलना में भारत की बड़ी बदनामी और कोई कुछ नहीं हो सकती। भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं। वह कह रहे हैं कि इसे वो मत कहो।
जिस दिन भागवत एकजुटता के संदेश का पालन करने लगेंगे, भीड़ हत्या बंद हो जाएगी : दिग्विजय
साथ ही दिग्विजय ने एक सवाल के जवाब में यहां मीडिया को बताया, ”जिस दिन मोहन भागवत जी एकजुटता का संदेश देकर उसका पालन करने लगेंगे, प्रेम एवं सदभाव तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का रास्ता अपना लेंगे उस दिन सारी समस्या समाप्त हो जाएगी, भीड़ हत्या खत्म हो जाएगी और नफरत भी समाप्त हो जाएगा, शिकायते भी नहीं रहेंगी। दिग्विजय से पूछा गया था कि मोहन भागवत ने नागपुर में आज कहा है कि कुछ लोग देश को बांटने का काम रहे हैं, जबकि हम एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।
मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को विजयदशमी के मौके पर नागपुर के रेशमीबाग मैदान में ‘शस्त्र पूजा के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘भीड़ हत्या (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिये भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। ‘लिंचिग शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपे।