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किसान आंदोलन पर भड़के कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, आंदोलन के बताया राजनीति से प्रेरित

30 09 2018 krishmantriloc 18481588 1433591 किसान आंदोलन पर भड़के कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, आंदोलन के बताया राजनीति से प्रेरित

उत्तराखंड के नरेंद्रनगर विधानसभा में स्थित राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज बेरनी में आयोजित एक सभा में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के कृषि और उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे जैविक खेती की ओर विशेष ध्यान दें। प्रदेश में भू-कानून पर उठ रहे सवाल और किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री ने अपने बेबाक संबोधन में कहा कि मोदी सरकार के तीन कृषि कानून किसानों के हित में हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसानों के आंदोलन को वे लोग हवा दे रहे हैं जो किसानों का उत्पादन औने-पौने दामों पर लिया करते थे और 3 गुना दामों पर बेचा करते थे।

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दूसरी ओर राजनीति के लिहाज से हाशिए पर जा चुके दल अपनी राजनीतिक जमीन पुनः तलाशने के लिए किसान आंदोलन में घी डालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पढ़े लिखे नौजवान खेती जैसे उद्यम से जुड़े हैं। वे किसी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं और किसान के हित में कृषि कानून को भलीभांति समझ रहे हैं। उनियाल का कहना है कि इस कानून के लागू होने से किसानों का शोषण कर रहे बिचौलियों की दुकान अब चलने वाली नहीं है। उत्तराखंड राज्य भू-कानून के बारे में कृषि मंत्री उनियाल ने स्पष्ट किया कि राज्य में पहले ही जमीन खरीदने पर प्रतिबंध है। मैदानी क्षेत्रों में 250 गज आवासीय भूमि से ज्यादा कोई खरीद नहीं सकता,अगर राज्य का निवासी नहीं है। और ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि खरीदने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है। कहा कि यदि कोई राज्य में औद्योगिक क्षेत्र में निवेश करना चाहता है तो उसे 143 के अंतर्गत जमीन खरीदने की परमिशन मिल सकेगी।

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वहीं उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि राज्य में औद्योगिक करण हो, ताकि विकास को गति मिल सके और बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। इस मौके पर महिला सहायता समूह द्वारा कृषि क्षेत्र में अच्छे कार्य करने पर 10 हजार का पुरस्कार दिया गया, जबकि मंगत सिंह नेगी को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर ₹25 हजार का पुरस्कार दिया गया। किसानों को कृषि यंत्र भी मौके पर उपलब्ध कराए गए। किसी मंत्री ने मौके पर उपस्थित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे काश्तकारों की हितों की योजनाओं से किसानों को अवगत कराएं और उन्हें लाभ दिलाएं

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