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लंदन की सड़को पर दिखाई दिया कृषि कानून का विरोध, 700 गाड़ियों के साथ 4000 लोगों ने रैली में लिया हिस्सा

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लंदन। किसान सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को आज 12वां दिन है। सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत में भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। अब किसानों की आवाज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी गूंज रही है। किसानों के समर्थन में पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। जिसके बाद अब ब्रिटेन में भी किसान आंदोलन का समर्थन किया जा रहा है। जिसका नजारा आज लंदन की सड़कों पर दिखाई दिया। रविवार को हजारों की संख्या में लोग कृषि कानून के खिलाफ लंदन की सड़कों पर उतरे। भारत में किसान आंदोलन जारी है और 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया गया है। लंदन में भारतीय दूतावास के बाहर हजारों प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और कानून वापसी की मांग की।

किसान आंदोलन के समर्थन में आए लगभग 4000 लोग-

बता दें कि नए कृषि कानून को लेकर भारत के साथ-साथ लंदन में भी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। किसानों को डर है कि इस कानून से नियंत्रित बाजार खत्म हो जाएगा और सरकार गारंटी कीमत पर गेहूं-चावल खरीदना बंद कर देगी। इससे वे प्राइवेट सेक्टर के खरीददारों पर पूरी तरह आश्रित हो जाएंगे। हालांकि, सरकार का कहना है कि इससे किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए और भी ज्यादा मौके मिलेंगे। इस रैली में करीब 3500-4000 लोगों ने हिस्सा लिया और करीब 700 गाड़ियां थीं। हालांकि, रैली में सिर्फ 40 गाड़ियों को ले जाने की ही अनुमति दी गई थी। इस रैली में खालिस्तानी झंडे भी दिखाई दिए। भारतीय उच्चायोग ने अपने बयान में कहा, भारत में कृषि कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। भारत सरकार प्रदर्शनरत किसानों के साथ बातचीत कर रही है। इस बात को दोहराने की जरूरत नहीं है कि ये भारत का आंतरिक मुद्दा है। मेट्रोपोलिटन पुलिस ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी से बताया कि कोरोना की गाइडलाइन का उल्लंघन करने को लेकर 13 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें से 4 लोगों को जुर्माना लगाने के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस कमांड पॉल ब्रोजेन ने एक बयान में कहा, राजधानी अभी भी कोरोना की गिरफ्त में है। ये जरूरी है कि हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपनी भूमिका अदा करें।

जानें ब्रिटेन के रेल मंत्री तनमनजीत सिंह ने ट्वीट कर क्या कहा-

वहीं ब्रिटेन के कई सांसद पहले ही किसानों के आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं। लंदन में हुई किसान रैली से पहले 36 ब्रिटिश सांसदों ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब को एक चिठ्ठी भी लिखी थी और भारत सरकार के सामने किसानों के मुद्दे को उठाने की मांग की थी। ब्रिटेन के लेबर पार्टी के सांसद और रेल मंत्री तनमनजीत सिंह ने ट्वीट किया था, मैं पंजाब और भारत के बाकी राज्यों के किसानों, अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ खड़ा हूं जो #FarmersBill2020 के तहत होने वाले निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही लेबर पार्टी की एक अन्य सांसद प्रीत कौर गिल ने ट्वीट किया, दिल्ली से हैरान करने वाले दृश्य। किसान अपनी आजीविका को प्रभावित करने वाले विवादित बिल का शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उन्हें चुप कराने के लिए पानी की तेज बौछार और आंसू के गोलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत में विवादित कानून को लेकर विरोध कर रहे नागरिकों के साथ बर्ताव का ये तरीका बिल्कुल सही नहीं है।

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