नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तामर ने किसानों के लिए एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मैं ऐतिहासिक कृषि सुधारों को लेकर आपके संपर्क में हूं। कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है, वे इससे बहुत खुश हैं। किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में किसानों ने इसका लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है। देश का कृषि मंत्री होने के नाते कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वस्तुस्थिति आपके सामने रखंू। उन्होंने आगे कहा कि मैं भी एक किसान परिवार से आता हूं। खेत की बारीकियां और खेत की चुनौतियां दोनों को देखते, समझते हुए बड़ा हुआ हूं। कोरोना के इस संकट काल में भी देखा है। किसानों ने बंपर उत्पादन करके देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद की है। इस दौरान रिकाॅर्ड तोड़ बुआई करके भविष्य में और अच्छी पैदावार सुनिश्चित कर दी है।
6 साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई- कृषि मंत्री
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि कृषि मंत्री के तौर पर मेरे लिए यह संतोष की बात है कि नए कानून लागू होने के बाद इस बार एमएसपी पर सरकारी खरीद के भी पिछले सारे रिकाॅर्ड टूट गए। ऐसे में जब हमारी सरकार एमएसपी पर खरीद के नए रिकाॅर्ड बना रही है, खरीद के केंद्रो की संख्या बढ़ा रही है। कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी। जिस सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दिया, जिस सरकार ने पिछले 6 साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई। सरकार एमएसपी कभी बंद नहीं करेगी। यह हमेशा जारी रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की एक दिक्कत यह भी रही है कि ज्यादातर गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग सेंटर गांव के बजाए बड़े शहरों के पास बने हुए हैं। इस वजह से किसानों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। इसी असंतुलन को दूर करने के लिए अब 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि इंफास्ट्रक्चर फंड बनाया गया है।
नरेंद्र सिंह तामर ने कांग्रेस पर निशाना साधा-
इसके साथ ही उन्होंने अपने पत्र में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो कांग्रेस अपनी सरकार में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को 8 साल तक दबाकर बैठी रही, वह कांग्रेस किसानों की हितेषी कैसे हो सकती है। जो कांग्रेस अपने घोषणपत्र में कहती रही किसानों को मंडी के अलावा भी उपज बेचने के लिए अलग विक्ल्प मिलने चाहिए, वह अब किसानों को क्यों जकड़े हुए देखना चाहती है। यूपीए सरकार के जो कृषि मंत्री इन्हीं सुधारो के पक्ष में चिट्ठियां लिखा करते थे, उन्होंने अब यू-टर्न क्यों ले लिया है। इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में आप लिख रही थी कि किसानों को मंडी के बाहर भी उपज बेचने की सुविधा देगी, अब वह उल्टा क्यों बोलने लगी है। आगे कहा कि दशकों तक हमारे देश में सिर्फ घोषणा करके वोट बटोरने की राजनीति हुई है। घोषणा करके प्रामाणिकता के साथ उनको पूरा करने वाली सरकार अब देश देख रहा है। देश के लोगों का आशीर्वाद बढ़ता देख, कुछ दलों को यह भी लगने लगा है उन्हें अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन किसानों में भ्रम फैलाकर वापस मिल जाएगी।