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एजेंसियों को निजी कंप्यूटर की जांच करने का पूर्ण अधिकार नहीं- गृह मंत्रालय

पर्शनल कम्प्यूटर की जांच एजेंसियों को निजी कंप्यूटर की जांच करने का पूर्ण अधिकार नहीं- गृह मंत्रालय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश की 10 जांच एजेसियों को किसी भी निजी कंप्यूटर की जांच करने अधिकार देने की बात हाल ही में कही थी। जिसको लेकर सियासी बवाल मच गया था। मंत्रालय के सीनियर अधिकारी के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार ने किसी कंप्यूटर से जानकारी निकालने के लिए किसी भी एजेंसी को पूर्ण शक्ति नहीं दी है। इन एजेंसियों को इंटरसेप्ट की कार्रवाई के दौरान मौजूदा नियम-कानून का कड़ाई से पालन करना होगा।

पर्शनल कम्प्यूटर की जांच एजेंसियों को निजी कंप्यूटर की जांच करने का पूर्ण अधिकार नहीं- गृह मंत्रालय

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गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक इस आदेश में कोई नया कानून, नया नियम, नई प्रक्रिया, नई एजेंसी को पूर्ण अधिकार जैसा कुछ नहीं है। यह पुराना कानून, पुराना नियम, पुरानी प्रक्रिया और पुरानी एजेंसियां हैं।अधिकारी ने बताया कि वर्तमान नियम शब्दश: वही हैं और इसमें कौमा या फुल स्टॉप का भी कोई फर्क नहीं है। बता दें कि गृह मंत्रालय की 20 दिसंबर की अधिसूचना में 10 एजेंसियों का नाम लिया गया था। जो किसी भी कंप्यूटर का इंटरसेप्ट कर सकती हैं। इस अधिसूचना से विवाद खड़ा हो गया था और विपक्ष ने सरकार पर देश को पुलिस स्टेट बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने साफ तौर पर कहा है कि अधिसूचना में बताई गई दस एजेंसियों को 2011 से इलेक्ट्रॉनिक संचारों को बीच में रोककर जानकारी प्राप्त करने की शक्ति पहले से थी। गृह मंत्रालय ने इस साल 20 दिसंबर को इन एजेंसियों का जिक्र करते हुए 2011 की आदर्श परिचालन प्रक्रियाओं को दोहराया था। जिसमें कहा गया कि इस तरह के हर इंटरसेप्ट के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय या राज्य गृह सचिव से पूर्व में मंजूरी की आवश्यकता होगी।

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केंद्र सरकार का कहना है कि कंप्यूटर डेटा प्राप्त करके जानकारी लेने और इसकी निगरानी करने के नियम 2009 में उस समय बनाए गए थे।जब कांग्रेस सत्ता में थी और उसके नए आदेश में केवल उन एजेंसियों का नाम लिया गया है जो इस तरह का कदम उठा सकती हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना और कुछ नहीं बल्कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को भेजी गई सूची है। ताकि सुनिश्चित हो कि केवल अधिकृत एवं विशेष एजेंसियां संचार को बीच में रोककर जानकारी प्राप्त कर सकें। अनाधिकृत एजेंसियों या सेवा प्रदाताओं द्वारा दुरुपयोग न हो सके।

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