नई दिल्ली: भारत में हर दिन लगभग 15,000 टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इसमें से ज्यादातर कचरा गड्ढों और नालियों में डाल दिया जाता है जिससे उचित रीसाइक्लिंग सुविधा के अभाव में नहर और नदियों का बहाव अवरुद्ध होता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कई राज्यों ने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद अब ओडिशा भी प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर इस सूची में शामिल हो गया है।
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गांधी जयंती के अवसर पर राज्य की राजधानी भुवनेश्वर, कटक, संबलपुर, बरहमपुर, राउरकेला जैसे महानगर के साथ पर्यटक शहर में प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा। इन शहरों में प्लास्टिक को बैन करने के लिए जंगल एवं पर्यावरण विभाग की तरफ से निर्देश जारी किया गया है। राज्य सरकार लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। विभाग ने एक महीने के अंदर प्लास्टिक सामग्री को नष्ट करने का निर्देश दिया है, नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।
ओडिशा के इन 4 शहरों में सभी तरह के नॉन-डिग्रेडेबल प्लास्टिक, मुख्य रूप से प्लास्टिक प्लेट, शीट, चाय के कप, पानी की बोतलों, शैसे, तरल पदार्थ पीने के प्लास्टिक पाइप, बैग जैसे उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि इस प्रतिबंध से छोटे रिटेलरों और किराना दुकान मालिकों, कचरा बीनने वालों और कृषि क्षेत्र पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
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By: Ritu Raj