लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद अब शहर के कई सरकारी और निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल बना रहा हैं।
तो वहीं अब कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को इस बार पहले की तरह शासन की तरफ से मेडिकल स्टाफ को होटल में क्वॉरेंटाइन रहने और खाने की व्यस्था बंद कर दी गई है। इससे डॉक्टरों और स्टाफ में कोरोना ड्यूटी करने को लेकर काफ़ी आक्रोश हैं।
प्रशासन की ओर से क्वॉरेंटाइन रहने और खाने की व्यवस्था बंद
शहर में पिछले एक सप्ताह में एक हजार से ज्यादा कोरोना के मरीज आ चुके है। विशेषज्ञ इसे दूसरी लहर से पहले आने वाली चेतावनी बता रहे हैं। वही इसे लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग भी अपनी तैयारियों में जुट गया हैं। विभाग द्वारा शहर में चार सरकारी और पांच निजी अस्पतालों में मरीजों की भर्ती भी शुरू हो गई हैं। ऐसे में इन अस्पतालों के कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर और स्टाफ पहले की भांति होटल या अस्पताल परिसर में रुक कर सीधे घर जा रहा है।
ऐसा इसलिए हो रहा है। क्योंकि, शासन ने अब विभाग को इनपर खर्च होना वाला बजट को बंद कर दिया है। वही इससे डॉक्टरों और स्टाफ में ड्यूटी को लेकर आक्रोश है। मेडिकल स्टाफ का कहना है कि हम लोग ड्यूटी करके अपनी जान को जोखि़म में डाल ही रहे है और घर जाकर अपने परिवार की सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहें है।
क्या था नियम
कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी करने के दौरान और ड्यूटी करने की अवधि के 7 दिन बाद तक किसी होटल के एक अलग कमरे में क्वॉरेंटाइन करवाया जाता था। संक्रमित मरीजो का इलाज करने वाले स्टाफ के परिवार को कही संक्रमण अपनी जद में ना ले इसके लिए ऐसा किया जाता था। वही होटल में रुकने से लेकर खाने तक का खर्चा शासन देता था