नई दिल्ली। चंद्रमा पर दूसरी बार भारत की पहल को लेकर पूरा देश खुश है और देश में तरह तरह के बयानबाजी हो रही है लेकिन भारत खबर आज आपको बताएगा कि आखिर चंद्रयान चंद्रमा पर कैसे पहुंचेगा और क्या काम होगा इसका वहां पर।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) का यह बेहद महत्वाकांक्षी मिशन है। वैज्ञानिकों के अनुसार आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च होगा। इसे चंद्रमा पर पहुंचने में कुल 52 दिन की यात्रा करनी पड़ेगी।
सोमवार सुबह 2:51 बजे रॉकेट GSLV MK-3 चंद्रयान-2 को लेकर उड़ेगा। उसके बाद रॉकेट पृथ्वी की कक्षा में पहुंचेगा। चंद्रयान2 अपनी अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर/प्रति घंटे की रफ्तार से 16 दिनों की परिक्रमा करते हुए धीरे-धीरे चांद की तरफ बढ़ेगा।
पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने के बाद चंद्रयान-2 से रॉकेट अलग होकर पांच दिन बाद चंद्रयान-2 अपनी रफ्तार अधिकतम दस किलोमीटर प्रति सेकंड और न्यूनतम चार किलोमीटर प्रति सेंकंड की रफ्तार से चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद वहां सूचनाओं को अपने कैमरे द्वारा पृथ्वी पर सूचनाएं भेजेगा। उसके बाद जो भी रिसर्च आदि कार्य करने हैं उसमें भारत को मदद मिलेगी।