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केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल की विधानसभा में पेश होगा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव

ममता 1 केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल की विधानसभा में पेश होगा सीएए के खिलाफ प्रस्ताव

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल की विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी आज सदन में प्रस्ताव लाएगी। ममता सरकार की ओर से लाए जा रहे इस प्रस्ताव का लेफ्ट और कांग्रेस दोनों ही समर्थन कर रही हैं। इसके साथ ही बंगाल सरकार इस मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हालांकि भारतीय जनता पार्टी इस प्रस्ताव का विरोध कर रही है।

देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ लोग धरना दे रहे हैं। वहीं राजस्थान सरकार ने भी पिछले हफ्ते शनिवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है।

इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है। राजस्थान सरकार से पहले केरल और पंजाब की राज्य सरकारें नागरिकता कानून के खिलाफ पहले प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार भी पहले ही कह चुकी है कि वह नए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है।

इन राज्यों के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का विरोध किया है। उनका कहना है कि सीएए एक गलत फैसला है। सीएम केसीआर ने कहा, ‘हम एक विशेष सत्र बुलाकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे। हम जल्द ही इस मुद्दे पर दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) देश को हिंदू राष्ट्र बना रही है।

अगर तेलंगाना सरकार भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव सदन से पारित कराती है तो ऐसा करने वालों में तेलंगाना भी उन राज्यों में शामिल हो जाएगा जहां सरकार कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने शनिवार को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है। सबसे पहले केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। उसके बाद पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया।

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