पूरी दुनिया को कोरना में उलझाकर पड़ोसी मुल्कों पर दबाब बना रहा चीन अब अपने ही जाल में फंस चुका है। चीन की बढ़ती मनमानी को देखते हुए दुनिया की महाशक्तियां भारत के समर्थन में उतर आयी हैं।आपको बता दें, जापान ने साफतौर पर भारत का पक्ष लेते हुए चीन को आड़े हाथों लिया। उससे पहले अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम जैसे कई बड़े देश भारत को सपोर्ट कर चुके हैं।
जापान ने 2017 डोकलाम विवाद के दौरान भी भारत का साथ दिया था। खुद अपने यहां समुद्र इलाकों में चीनी जहाजों की मौजूदगी को लेकर उसका चीन से विवाद चल रहा है।
तो वहीं, व्हाइट हाउस ने भी पूरी तरह से सीमा पर तनाव का जिम्मेदार चीन को ठहराया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाले से प्रेस सेक्रेटरी ने कहा, “भारत-चीन सीमा पर चीन का आक्रामक रुख दुनिया के बाकी हिस्सों में चीनी आक्रामकता के बड़े पैटर्न से मेल खाता है। और ऐसी कार्रवाइयां असल में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का असली रंग दिखाती हैं। भारत के 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाने का भी अमेरिका ने स्वागत और सपोर्ट किया है। और कहा है कि, वो भी जल्द ऐसा कदम उठआ सकता है।
रूस की तरफ से भी भारत का समर्थन किया जा रहा है। ऐसे में चीन की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।हॉन्ग कॉन्ग के लिए नए सुरक्षा कानून को लेकर चीन का ब्रिटेन से पहले ही विवाद चल रहा है। यूनाइटेड किंगडम ने कहा है कि ‘हिंसा किसी के हित में नहीं है।’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हॉन्ग कॉन्ग को लेकर चीन को काफी भला-बुरा कहा है। और चीन की हरकतों पर चेतावनी भई दी है।
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चीन की बढ़ती मनमानी की वजह से पूरी दुनिया में चीन की आलोचना हो रही है। ऐसे में अगर चीन भारत की तरह जंग छेड़ता है तो उसे बहुत भारी पड़ेगा। इस तह चीन का इन महाशक्तियां से निबट पाना नामुमकिन है।