देहरादून। उत्तराखण्ड का रण जीतना कांग्रेस के लिए काफी मुश्किल होने वाला है। पहले प्रदेश के नेताओं ने बागी तेवर दिखाते हुए बीजेपी का रूख कर लिया, जैसे-तैसे पार्टी ने खुद को संभाला और एकजुट होकर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया ही था कि एक बार फिर से पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे है। पार्टी दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है। पार्टी के दो शीर्ष नेता किशोर उपाध्याय और आयेंद्र में दरार पड़ गई है। दरअसल पार्टी द्वारा जारी की गई प्रत्याशियों की सूची में किशोर उपाध्याय को उस विधानसभा सीट से टिकट मिला है, जहां से आयेंद्र को टिकट मिलने की संभावना थी।
आयेंद्र ने भारत खबर से बातचीत करते हुए कहा कि टिकट मिलने से उन्हें थोड़ी हैरानी है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के कहने पर वो किशोर उपाध्याय के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। एक तरफ पार्टी के दो नेता आपस में लड़ने के लिए तैयार हैं तो दूसरी तरफ कार्यकर्ताओं में भारी रोष देखने को मिल रहा है।
देहरादून जिले की सहसपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट न मिलने से नाराज आर्येन्द्र शर्मा और कैंट विधानसभा से टिकट न मिलने से नवीन बिष्ट के समर्थकों ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कार्यालय पर लगे हरीश रावत और किशोर उपाध्याय के पोस्टर को भी फाड़ दिया। खबरें यह भी आ रही है कि 25 जनवरी बुधवार को आयेंद्र अपना नामांकन भर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक 25 ग्राम प्रधानों का आयेंद्र को समर्थन मिला है।
बता दें कि आर्येन्द्र ने पिछले विधानसभा चुनावों में सहसपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार यहां से किशोर उपाध्याय को कांग्रेस ने टिकट दिया है।