एजेंसी, चंडीगढ़। पंजाब के खरड़ में जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पद पर तैनात महिला अधिकारी नेहा शौरी की उनके दफ्तर में घुसकर हत्या के मामले से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई है। नेहा को मारने वाले आरोपी की पहचान बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि उसने 10 साल की रंजिश के चलते महिला अधिकारी की हत्या को अंजाम दिया। नेहा शौरी ने रोपड़ में जिला ड्रग अधिकारी के पद पर रहते हुए 2009 में आरोपी की मोरिंडा स्थित केमिस्ट शॉप पर छापेमारी की थी और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया था।
पंजाब पुलिस का कहना है कि इसी के चलते बलविंदर नेहा शौरी के खिलाफ बदले की भावना से भर गया था और उसने उनकी हत्या की साजिश रची थी। शुक्रवार सुबह जब नेहा खरड़ स्थित अपने दफ्तर में मौजूद थीं तो आरोपी बलविंदर सिंह ने सुबह 11 बजकर 40 मिनट में उनके कार्यालय में घुसकर .32 बोर लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी। बलविंदर बैग में रिवॉल्वर लेकर आया था। बताया जा रहा है कि घटना के समय कार्यालय में एक ही सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात था लेकिन वह बलविंदर को देख नहीं पाया।
अपनी भतीजी से बात कर रही थीं नेहा
पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। उस समय नेहा शौरी अपनी 3 साल की भतीजी आराध्या के साथ वहां पर मौजूद थीं। आराध्या पहली बार ऑफिस आई थीं और नेहा उससे बात कर रही थीं। जैसे ही बलविंदर वहां पहुंचा उसने नेहा पर तीन गोलियां चलाईं। पहली गोली सीने पर लगी, दूसरी गोली नाक और आंख के बीच और तीसरी गोली कंधे पर जिसकी वजह से उनकी मौके पर मौत हो गई।
2016 से जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी पद पर थीं तैनात
नेहा शौरी ने पंजाब यूनिवर्सिटी से बी फार्मा की पढ़ाई की थी। उसके बाद उन्होंने 2004 से 2006 तक नाइपर से एमएस फार्मास्यूटिक्स की डिग्री ली और ड्रग इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त हो गईं। वह 2016 से जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी पद पर तैनात थीं। पुलिस ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू की गई है। शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी बलिंदर मोरिंडा में दवा की दुकान चलाता था और 2009 में नेहा ने उसकी दुकान पर छापा मारा था। नेहा ने वहां से कथित रूप से नशीली दवाएं बरामद की थीं। इसके बाद नेहा ने उसके दवा दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
-नवभारत टाइम्स से साभार