लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बेखौफ अपराधी पुलिस को एक के बाद एक चुनौती दे रहें हैं। बुधवार को एक अधिवक्ता की नृशंस हत्या का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पुरानी रंजिश के चलते मंलगवार देर रात खौफनाक घटना को अंजाम दिया है। मृतक के पिता ने गांजा तस्करी से जुड़े लोगों पर हत्या का शक जताया है। वहीं, पुलिस हत्या की वजह पुरानी रंजिश मान रही है। पुलिस ने एक आरोपित विनायक ठाकुर को गिरफ्तार किया है।
इस घटना में पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज मृतक के वकील साथियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में शव रखकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव मौके पर पहुंचे। उधर, मामले में इंस्पेक्टर कृष्णानगर प्रदीप कुमार सिंह को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया।
मामला कृष्णानगर थाना क्षेत्र के दामोदरनगर इलाके का है। यहां शिशिर त्रिपाठी (32) की रंजिश में मौत के घाट उतार दिया गया। मृतक के बड़े भाई शरद त्रिपाठी ने बताया कि गांजे का व्यापार करने वाले मोनू तिवारी नामक युवक से छोटे भाई की रंजिश चल रही थी। जिसके चलते कई बार भाई को जान से मारने की धमकी भी मिली थी। तीन साल से मोनू तिवारी व्यापार कर रहा था। बीते दिन बातचीत करने के लिए भाई से मिलने आया था। मृतक के पिता गोपी चंद्र के मुताबिक, मंगलवार शाम करीब पांच बजे दो युवक बेटे को लेने घर आए। उनके के साथ बेटा चला गया और वापस लौटा ही नहीं। पड़ोस में रहने वाले एक ऑटो चालक व पुलिस ने घटना की जानकारी दी।
उधर, अधिवक्ता की हत्या मामले में राजधानी के अधिवक्ताओं में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर रोष दिखाई दिया। सड़कों पर उतरे अधिवक्ताओं ने पुलिस विरोधी जमकर नारे लगाए। इसके साथ ही कार्रवाई व पीडि़त परिवार के लिए इंसाफ की मांग की। उधर, पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि मृतक की मोनू तिवारी नाम के युवक से रंजिश चल रही थी। बीते दिन वह मृतक से मिलने भी आया था। सभी पहलूओं की छानबीन कर जांच की जा रही है। एक आरोपित विनायक ठाकुर को गिरफ्तार किया है।