नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी 8 नवंबर को अपना 90वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर उन्हें प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने उनके जन्मदिन के लिए बधाई दी। आडवाणी ने बीजेपी को राजनीति में एक प्रमुख स्थान दिलााय जिसके लिए उनके योगदान को सर्वोपरि माना जाता है। लाल कृष्ण कई बार बीजेपी के राष्ट्र अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी 2008 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एन डी ए) ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने और जीत दिलाने पर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने की घोषणा की थी।
बता दें कि बीजेपी को खड़ा करने में जिन नामों को लिया जाता है उनमें लाल कृषण आडवाणी का नाम सबसे आगे आता है। इनको कभी पार्टी का कर्णधार कहा जाता है तो कभी लौह पुरुष और कभी पार्टी का असली चेहरा। कुल मिलाकर कहा जाए तो लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के आजतक के इतिहास का अहम पार्ट रहे हैं। लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर सन 1927 को वर्तमान पाकिस्तान के कराची में हुआ था। उनके पिता श्री के डी आडवाणी और माँ ज्ञानी आडवाणी थीं। भारत और पाकिस्तान के बटवारें के बाद वो भारत आ गए थे। जहां उन्होंने 25 फरवरी 1965 को फ़रवरी 1965 को ‘कमला आडवाणी’ से शादी की। आडवाणी के दो बच्चे हैं।
वहीं ने आडवाणी अपनी शुरुआती शिक्षा लाहौर से कि पर बाद में भारत आकर उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ में स्नातक किया और आज वो भारतीय राजनीति का एक बड़ा नाम हैं। गांधी जी के बाद लाल पहले जननायक हैं जिन्होंने हिंदू आंदोलन का नेतृत्व किया और बीजेपी सरकार बनाई। उन्होंने वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व संभाला। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने संभाला।