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एडवांस्ड ओवरियन कैंसर की मरीज सर्जरी के चार साल बाद  हुई कैंसरमुक्त 

untitled 7 एडवांस्ड ओवरियन कैंसर की मरीज सर्जरी के चार साल बाद  हुई कैंसरमुक्त 
लखनऊ: कैसेट संक्रमित महिला को 4 साल पहले पेट निकल सकता जिसको 4 साल बाद चिकित्सकों के द्वारा ठीक कर दिया गया और महिला को कैंसर मुक्त कर दिया गया इकरारनामा मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के चिकित्सकों के द्वारा किया गया जहां 4 साल पहले गंभीर हालत में पहुंच चुकी कैंसर पीड़ित को कैंसर मुक्त कर दिया गया।
ये था मामला
सितंबर 2016 में स्वस्थ दिखने वाली 48 वर्षीया अंजू पंसारी ने पेट में गंभीर गड़बड़ी और पेट फुला रहने की शिकायत की। हालांकि इससे पहले उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं हुई थी। वह और उसके परिवार वालों को इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि उसे तीसरे चरण के सी ओवरियन कैंसर के रूप में इतनी गंभीर बीमारी भी हो सकती है और यह उसके पेट में व्यापक रूप से फैल चुकी है। अपने क्षेत्र के कुछ डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद भी उसकी स्थिति नहीं सुधरी।
मैक्स दिल्ली के चिकित्सकों ने किया कमाल
मैक्स के सर्जनों को मरीज में एडवांस्ड ओवरियन कैंसर का पता चला जो उसके पेट (पेरिटोनियम) को सुरक्षा कवर देने वाली बारीक झिल्ली तक फैल चुका था। कैंसर के तेजी से फैल जाने का ख्याल रखते हुए दिल्ली स्थित मैक्स इंस्टीट्यूट आॅफ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी के नेतृत्व में आॅन्कोलॉजिस्ट टीम ने साइटोरिडक्टिव सर्जरी (सीआरएस) के जरिये दो चरणों की नोवल प्रक्रिया से इलाज और इसके बाद मरीज को हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरापी देने का फैसला किया। यह प्रक्रिया एडवांस्ड कोलोरेक्टल कैंसर, एपेंडिसियल, प्राइमरी पेरिटोनियल और कुछ अन्य असाध्य स्थितियों से पीड़ित ऐसे मरीजों को बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ इलाज पद्धति है।
इस प्रक्रिया के बारे में डॉ. हरित चतुर्वेदी बताते हैं, ‘पेरिटोनियम का कैंसर, चाहे वह पेरिटोनियम से ही उत्पन्न हुआ हो या ओवरी, कोलोन, पेट आदि से फैला हो, पहले असाध्य रोग माना जाता था। सीआरएस और एचआईपीईसी के आविष्कार के बाद दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है। इन दोनों तकनीकों ने हमें कैंसर पर बेहतर नियंत्रण पाने का अवसर दिया है। पिछले सात वर्षों के दौरान मैक्स हॉस्पिटल में हम सीआरएस और एचआईपीईसी सर्जरी के जरिये एडवांस्ड कैंसर के लगभग 150 मामलों का सफल इलाज कर चुके हैं और अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन दोनों स्थिति में इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। इसके अतिरिक्त पेरिटोनियम कैंसर के मामले बहुत कम ही होते हैं और दुनिया में इसके इलाज की बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं है। पेरिटोनियल कैंसर के इलाज में पेरिटोनियल सरफेस आॅन्कोलॉजी अत्यंत विशिष्ट शाखा मानी जाती है। मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल में साइटोरिडक्शन और एचआईपीईसी सर्जरी की उपलब्धता पेरिटोनियम कैंसर के चौथे चरण में पहुंच चुके मामलों के लिए वरदान साबित हुई है।

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