नई दिल्ली। बीते कई हफ्तों से लगी सहारनपुर में जातीय हिंसा की आग थम नहीं रही है। इस मामले में लगातार सीएम योगी से लेकर उच्चाधिकारी जुटे हुए हैं। लेकिन हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही। अब इस मामले में केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार से सवाल किया है। आखिर क्या वजह है ये जातीय हिंसा रूक क्यूं नहीं रही है। प्रशासन शांति बहाली के प्रयासों में क्यूं विफल हो रहा है। यहीं वजह है जिसके चलते सीएम योगी से लेकर सूबे के बड़े अफसरों की नींद हराम हो गई है।
बड़ी साजिश के तहत हुई है हिंसा
सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं कि सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा पूरी तरह से एक बड़ी साजिश है। पुलिस के सूत्रों की माने तो अब इस मामले में पुलिस भीम आर्मी को लेकर हर एक एंलग से जांच कर रही है। आखिर कैसे भीम आर्मी इस पूरे प्रकरण में आती है। किस तरह से दलितों की बड़ी हमदर्द बनकर खड़ी हो जाती है। पुलिस को अब भीम आर्मी की कार्य योजना को लेकर राजनीतिक दलों की ओर से की गई बड़ी साजिश दिख रही है। जो कि भीम आर्मी को सिद्धान्तिक तौर पर ही नही बल्कि आर्थिक तौर पर भी मदद कर रहे हैं। पुलिस की नजर अब जिले के क्षेत्रीय नेताओं पर भी है।
भीम आर्मी के एकाउंट की डिटेल भी खंगाल रही है पुलिस
सूत्रों की माने तो पुलिस इस पूरे प्रकरण पर भीम आर्मी की संदिग्ध भूमिका को लेकर सारे रास्तों को अपना रही है। सूत्रों के जरिए खबरें आ रही है कि हाल ही में भीम आर्मी के खाते में तकरीबन 50 लाख रूपये भेजे गये हैं। पुलिस अब इस पैसों के श्रोतों का पता लगाने में जुटी हुई है। आखिर इतनी बड़ी रकम कैसे और किस लिए किसके द्वारा भेजी गई है। बीते 4 हफ्तों में जिस तरह से सुनवियोजित तरीके से ये प्रकरण आग पकड़ चुका है। अब इस प्रकरण के पीछे के खेल का पता लगाने में खुफिया तंत्र जुट गया है।
ऑनलाइन पोस्टों और सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध
लगातार इस प्रकरण को लेकर सोशल मीडिया पर हो रही पोस्ट को लेकर भी प्रशासन काफी सजग हो गया है। भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर प्रशासन नजर रखे हुए है। इसके साथ ही ऑनलाइन फंडिंग करने के लिए सोशल साइट पर हो रहे प्रचार को रोकने के लिए प्रशासन ने जिले में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही स्थानीय नेताओं और क्षेत्रीय लोगों से बातचीत कर शांति बहाली के प्रयास भी कर रहा है।