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भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधन

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दोनों सदनों के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा देश की एकता और अखण्डता पर बल दिया। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के वर्ष में, 17वीं लोकसभा का चुनाव होने के बाद, संसद के पहले संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। इस लोकसभा के लिए निर्वाचित सभी सांसदों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के 61 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान कर, एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की साख बढ़ाई है। भीषण गर्मी में भी लोगों ने लंबी कतारों में खड़े रहकर अपना वोट दिया है। इस बार, महिलाओं ने पहले की तुलना में अधिक मतदान किया है और उनकी भागीदारी पुरुषों के लगभग बराबर रही है। करोड़ों युवाओं ने पहली बार मतदान करके भारत के भविष्य निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस चुनाव की सफलता के लिए सभी मतदाता बधाई के पात्र हैं।
राम नाथ काविन्द ने कहा कि मैं लोकसभा के नए अध्यक्ष को भी उनके इस नए दायित्व के लिए शुभकामनाएं देता हूं। विश्व के सबसे बड़े चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए चुनाव आयोग की पूरी टीम को मैं बधाई देता हूं। चुनाव-प्रक्रिया की सफलता में, प्रशासन-तंत्र के अनेक विभागों और विभिन्न संस्थानों के कर्मचारियों, तथा सुरक्षा-बलों का योगदान अत्यंत सराहनीय है।

इस लोकसभा में लगभग आधे सांसद पहली बार निर्वाचित हुए हैं। लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है।
यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत की विविधताओं का प्रतिबिंब इस संयुक्त सत्र में दिख रहा है। हर आयु के, गांव और शहर के, हर प्रोफेशन के लोग, दोनों सदनों के सदस्य हैं। अनेक सदस्य समाजसेवा से हैं, बहुत से सदस्य कृषि के क्षेत्र से हैं, व्यापार और अर्थजगत से हैं, तो अन्य बहुत से सदस्य शिक्षा के क्षेत्र से हैं, लोगों का जीवन बचाने वाले मेडिकल प्रोफेशन से हैं, लोगों को न्याय दिलाने वाले लीगल प्रोफेशन से हैं। फिल्म, कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने वाले सांसदगण भी यहां उपस्थित हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी के विशेष अनुभवों से, संसद में होने वाले विचार-विमर्श और समृद्ध होंगे।
इस चुनाव में देश की जनता ने बहुत ही स्पष्ट जनादेश दिया है। सरकार के पहले कार्यकाल के मूल्यांकन के बाद, देशवासियों ने दूसरी बार और भी मजबूत समर्थन दिया है। ऐसा करके देशवासियों ने वर्ष 2014 से चल रही विकास यात्रा को अबाधित, और तेज गति से आगे बढ़ाने का जनादेश दिया है।
वर्ष 2014 से पहले देश में जो वातावरण था, उससे सभी देशवासी भली-भांति परिचित हैं। निराशा और अस्थिरता के माहौल से देश को बाहर निकालने के लिए, देशवासियों ने तीन दशकों के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी थी। उस जनादेश को सर्वोच्च मान देते हुए मेरी सरकार ने ‘सबका साथ – सबका विकास’ के मंत्र पर चलते हुए, बिना भेदभाव के काम करते हुए, एक नए भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना शुरू किया।
मैंने, इसी वर्ष 31 जनवरी को इसी सेंट्रल हॉल में कहा था कि मेरी सरकार पहले दिन से ही सभी देशवासियों का जीवन सुधारने, कुशासन से पैदा हुई उनकी मुसीबतें दूर करने और समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सभी जरुरी सुविधाएं पहुंचाने के लक्ष्य के प्रति समर्पित है।

बीते पांच वर्षों के दौरान देशवासियों में यह विश्वास जगा है कि सरकार हमेशा उनके साथ है, उनका जीवन बेहतर बनाने और Ease of Living बढ़ाने के लिए काम कर रही है। देशवासियों के विश्वास की इस पूंजी के आधार पर ही एक बार फिर जनादेश मांगा गया।
देश के लोगों ने, जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए लंबे समय तक इंतजार किया। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। मेरी सरकार जन-साधारण को इतना सजग, समर्थ, सुविधा-युक्त और बंधन-मुक्त बनाना चाहती है कि अपने सामान्य जीवन में उसे सरकार का ‘दबाव, प्रभाव या अभाव’ न महसूस हो। देश के प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त करना मेरी सरकार का मुख्य ध्येय है।

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