हरिद्वार। वो कहते है ना कि हादसा कभी पूछ कर नहीं होता है। आए दिन अचानक होने वाले हादसों की खबर सुनने को मिल ही जाती है। ऐसा ही एक हादसा हरिद्वार में हुआ है। जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता पंकज लांबा की शुक्रवार देर रात खुद की राइफल से गोली लगने से मौत हो गई घटना हरिद्वार की रानीपुर कोतवाली के सुमन नगर क्षेत्र की है। रानीपुर कोतवाली पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। 46 वर्षीय पंकज लांबा शिवालिक नगर में किराये पर रहते थे। शुक्रवार रात लांबा दो दोस्तों के साथ सुमन नगर स्थित अपने परिचित के घर गए थे। परिचित ने दिल्ली में दूसरी शादी कर ली है, जबकि उनकी दो लड़कियां और दो बेटे सुमन नगर में रहते हैं। चारों बच्चे नाबालिग हैं। पुलिस के मुताबिक पंकज लांबा ने दोस्तों के साथ मिलकर नाबालिग बच्चों के साथ पार्टी की।
डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया-
बता दें कि पंकज रात करीब 11 बजे 15 साल की नाबालिक बच्ची की जिद पर अपनी राइफल की मैगजीन निकालकर उसे दे दी। बच्ची ने ट्रिगर दबाया तो चैंबर में फंसी गोली चल गई और पंकज लांबा को लग गई। आनन-फानन में पंकज लांबा को अस्पताल ले जाया गया और चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि गोली उनके गले में लगी है और जब उनको अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। पंकज लाम्बा देर रात टिहरी विस्थापित कॉलोनी में एक परिवार के साथ पार्टी कर रहे थे। परिवार की दो नाबालिग लड़कियां पार्टी में शामिल थीं। इस दौरान पंकज लाम्बा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल एक नाबालिग लड़की को दे दी और उसने जब गोली चलाई तो उसकी गोली सीधा पंकज लांबा के गले में जा लगी। हालांकि बताया जा रहा है कि पिस्टल खाली कर दी गई थी, लेकिन उसके चैमबर में एक गोली होने के कारण जब नाबालिग लड़की ने गोली चलाई तो उससे हादसा हो गया।
छात्रवृत्ति घोटाले में कॉलेज चलाने वाले कई मालिक जेल में-
इधर पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि दोनों लड़कियों के पिता दिल्ली में रहते हैं और उन्होंने दूसरी शादी होने के कारण दोनों बेटियों को हरिद्वार में किराए के मकान पर रखा हुआ था। गौरतलब है कि पंकज लांबा जाने-माने दलित एक्टिविस्ट थे और उत्तराखंड का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला छात्रवृत्ति घोटाला खोलने में उन्होंने लंबा संघर्ष किया था। छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक दर्जनों मुकदमे हो चुके हैं और कॉलेज चलाने वाले कई मालिक जेल जा चुके हैं जबकि कईयों पर जेल जाने की तलवार लटकी हुई है।