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KGMU कोरोना टेस्टिंग किट घोटाले में FIR व VC की बर्खास्तगी की मांग  

KGMU कोरोना टेस्टिंग किट घोटाले में FIR व VC की बर्खास्तगी की मांग  

लखनऊ: राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कोरोना टेस्टिंग किट घोटाले का मुद्दा गरमा गया है। जानी-मानी एक्टिविस्‍ट व अधिवक्‍ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस घोटाले मामले में एफआइआर और वीसी डॉ. विपिन पुरी को तत्‍काल पद से हटाने की मांग की है।

सीएम योगी से की शिकायत

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य को भेजी अपनी शिकायत में डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि, उनकी शिकायत के बाद केजीएमयू द्वारा इस मामले में पूर्व में दिए टेंडर को निरस्त करने से उनके आरोप खुद ही साबित हो जाते हैं। ऐसे में मात्र टेंडर निरस्त किया जाना पर्याप्त नहीं है बल्कि इस प्रकार कई गुना ज्यादा रेट पर टेंडर देने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी जरूरी है।

डॉ. नूतन ठाकुर ने पूर्व में की थी शिकायत  

एक्टिविस्‍ट डॉ. नूतन ने पूर्व में शिकायत की थी कि केजीएमयू वीटीएम किट एवेंटर परफॉर्मेंस मैटीरियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 35.40 रुपए की दर से खरीद रहा है, जिसके द्वारा बिहार में ये किट 19.40 रुपए में सप्लाई किया गया है। जबकि उसी किट को यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन मात्र 7.25 रुपए में खरीद रहा है।

उन्‍होंने आगे बताया था कि, झारखंड ने यह किट 22.40 रुपए में और गुजरात ने 13.44 पैसे की दर से खरीदा। इसी तरह केजीएमयू आरएनए एक्सट्रैक्शन किट मेसर्स जीनियस बायो सिस्टम पूणे से 65.03 रुपए में खरीद रहा है, जबकि गुजरात यह किट 13.95 रुपए और उड़ीसा 14 रुपए में खरीद रहा है।

केजीएमयू वीसी ने निरस्‍त किया टेंडर

डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया था कि, केजीएमयू आरटी-पीसीआर किट मेसर्स इवोल्यूशन प्रा. लिमिटेड से 50.40 रुपए में खरीद रहा है, जबकि गुजरात यह किट 23 रुपए, झारखंड 28 रुपए और असम 30.88 रुपए में खरीद रहा है। उनकी इस शिकायत के बाद केजीएमयू वीसी ने टेंडर निरस्त करवा दिया है और जेम पोर्टल के जरिए अब नए सिरे से टेंडर की बात कही है।

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