लखनऊ। सरकारी अधिकारियों और बिल्डर कंपनियों के साथ सांठगांठ से पूरे देश के अंदर उपभोक्ताओं का दोहन चल रहा है। मकान की चाहत में मध्यम वर्ग और उच्च मध्य वर्ग के लोग बिल्डरों के बड़े-बड़े विज्ञापनों को देखकर लालायित हो उठते हैं। सेलिब्रिटीज के द्वारा प्रचारित यह विज्ञापन बिल्डरों की लूट का एक हिस्सा बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक द्वारा नोएडा अथॉरिटी के साथ भ्रष्टाचारी दांवपेच के साथ 40 मंजिला दो बड़े टावरों को गिराने का आदेश देकर एक ऐतिहासिक निर्णय दिया है। यह बातें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार ‘अनजान” ने कही हैं।
उन्होंने कहा कि एक बड़ी कंपनी ने अरबों रुपए के विज्ञापन देकर मकान खरीदने का सपना बेचकर लोगों से खरबों रुपए लूट लिए और वह कंपनी उसी सेलिब्रिटी का नाम लेकर दक्षिण भारत के तेलंगाना और आंध्र में लोगों का दोहन कर रही है। झूठ और भ्रामक विज्ञापनों में सेलिब्रिटी का उतरना भी एक गैर कानूनी काम है और उनके द्वारा दिए गए विज्ञापन यदि झूठ साबित होते हैं तो उनके ऊपर भी न्यायिक कार्रवाई की जानी चाहिए।
अतुल अनजान ने कहा कि सुपरटेक के मामले में दिया गया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय लूटने वाले खरीदारों के लिए एक बहुत राहत का फैसला है। उनके द्वारा दिए गए धन पर 12% के ब्याज सहित की वापसी न्यायिक प्रक्रिया में न्याय पूर्ण निर्णय है।
कम्युनिस्ट नेता अतुल कुमार अनजान ने आगे कहा कि नजदीक-नजदीक बनाए गए विशालकाय टावरों से आने वाले दिनों में पेयजल की सबसे बड़ी समस्या होगी। यह जमीन से जल का दोहन कर जलस्तर को तबाह ना कर दें। नए मकान बनाने पर नई दिशा नए तरीके से नियम कानून बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख जानकारों की कमेटी बनाकर बिल्डर्स को उसे लागू करने के लिए वैधानिक बाध्यता के रास्ते पर लाया जाना चाहिए।