नई दिल्ली। देश में लागू हो रहे नए कानूनों को लेकर जनता में आक्रोश का माहौल पैदा हो जाता है। जनता सड़को पर उतरकर धरना प्रदर्शन करती है। जिससे देश में स्थिति सामान्य नहीं रहती है। बीते साल में सरकार द्वारा लाए गए सीएए और एनआरसी कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में धरना प्रदर्शन चल रहे थे। इसी बीच देश की राजधानी में यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गया था। जिसके चलते दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को यूएपीए के तहत 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। जिसके चलते अब दिल्ली हिंसा के मामले में उमर खालिद और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार और गृहमंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की तरफ से उमर खालिद को 14 सितंबर को दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी न्यायिक हिरासत 30 दिन और बढ़ाने की अर्जी लगाई गई थी। कानून के अनुसार, यूएपीए के तहत किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने से गृह मंत्रालय से मंजूरी लेना आवश्यक है। दिल्ली पुलिस को करीब एक हफ्ता पहले परमिशन मिली थी। बहुत जल्द दिल्ली हिंसा के मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दिल्ली पुलिस चार्जशीट कोर्ट मे दाखिल करने जा रही है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच भी उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट जल्द दाखिल करेगी।
उमर खालिद के वकील ने दिल्ली पुलिस की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस की जांच में इसने सभी तरह से सहयोग किया है। ऐसे में यह आरोप लगाकर कि उमर खालिद जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा लगाई गई अर्जी गलत है। दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट को बताया था कि फिलहाल इस मामले में जांच जारी है और ऐसे में जांच की इस स्टेज पर उमर खालिद को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने उमर खालिद की न्यायिक हिरासत को 20 नवंबर तक बढ़ा दिया था। अभी उमर खालिद न्यायिक हिरासत में ही है।