नई दिल्ली। 12 साल पहले हैदराबाद बम धमाके में हुए आत्मघआती विस्फोट मामलें में पुलिस द्वारा गिरफ्तर किए गए सभी लोगों को बरी कर दिया गया है। अदालत का कहना है कि कोर्ट में जो सबूत पेश किए गए उनके आधार पर उनको दोषी नहीं माना जा सकता। इनमें से एक आरोपी कलीम पिठले 12 सालों से जेल में बंद था जिसकी वजह से उसका पारिवारिक जीवन पूरी तरह से खत्म हो गया है। अपने ऊपर आई मुसीबत को चलते एक बार कलीम ने अपनी पत्नी से दूसरी शादी के लिए भी कह दिया था। हैदराबाद के बेगमपेट इलाके में 12 अक्टूबर 2005 को कार्यबल कार्यालय में एक बांग्लादेशी आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में एक होमगार्ड की मौत हो गई थी। साथ ही एक व्यक्ति घायल हो गया था।
बता दें कि केस की जांच कर रही एसआईटी ने ये दावा किया था कि हमले के पीछे बांग्लादेशी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (हूजी) का हाथ है। आत्मघाती हमलावर की पहचान हूजी के सदस्य दालिन के तौर पर की गई थी। इस मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। एसआईटी का ये भी कहना था कि हमले का मास्टर माइंड मोहम्मद अब्दुल शाहिद उर्फ बिलाल पाकिस्तान में मारा गया और एक आरोपी दिल्ली में मारा गया। बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि पुलिस ने सभी आरोपियों को बिना सबूत के गिरफ्तार किया था। अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ कोई भी सबूत पेश करने में नाकाम रहे। इसकी वजह से सभी को बाइज्जत बरी कर दिया गया।
वहीं सभी आरोपियों में कलीम की दास्तां सबसे ज्यादा दुखद है। जिसका पारिवारिक जीवन जेल में 12 साल गुजारने के बाद पूरी तरह खत्म हो गया है। कलीम ने लव मैरिज की थी और शादी के दो महीने बाद ही पुलिस ने उसे बम ब्लास के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त उसकी उम्र सिर्फ 23 साल थी और पेशे से कलीम वेल्डर था। कलीम पर बांग्लादेश में हूजी के अन्य आरोपयों के साथ हमले की साजिश का आरोप लगा था। आरोप के चलते कलीम को शारीरिक और मांनसिक यातनाएं दी गई। वहीं दूसरी तरफ आरोपी जाहेद के मां-बाप के लिए यह 12 किसी सजा से कम नहीं थे। जाहेद को पुलिस ने उसके भाई के चक्कर में पकड़ा था। इन 12 सालों में जाहेद अपने बेटे बहुत कम मिले। जिस वक्त जाहेद को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस वक्त उसकी उम्र 22 साल थी। शाहिद बिलाल कभी हूजी का मोस्ट वांटेड आरोपी था। बिलाल की मौत हो चुकी है।