लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया है। 120 में से 94 NSA एक्ट के केस खारिज कर दिए गए हैं। कई ऐसे मामले थे, जिन्हें कोर्ट ने इसे निराधार मानते हुए खारिज कर दिया।
26 केस हुए कंफर्म
हाईकोर्ट में कुल 120 मामले भेजे गए थे, जिनमें से 94 केस खारिज कर दिए गए। 26 मामलों को सही पाते हुए, उन पर आगे की प्रक्रिया शुरु की जायेगी। यह सभी मामले जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2020 के बीच दर्ज किए गए थे। इसमें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट(NSA) के माध्यम से कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे गलत ठहराते हुए खारिज कर दिया।
NSA एक्ट के दुरुपयोग की भी कही बात
हाईकोर्ट की तरफ से यह भी माना गया कि ये मामला NSA एक्ट के दुरुपयोग का भी है। सरकार के द्वारा दी गई दलील से अदालत सहमत नहीं हुई, केस को खारिज करते हुए संबंधित लोगों को तुरंत छोड़ने के भी आदेश दिए गए हैं। इन सभी मामलों में 41 केस गोकशी से जुड़े हुए थे, जिनमें सरकारी तंत्र की लापरवाही सामने आई है।
क्या होता है NSA एक्ट
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 के तहत यह एक्ट काम करता है। जिसमें देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार को अतिरिक्त शक्ति दी जाती है। इस कानून के माध्यम से किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेकर एक साल तक जेल में रखा जा सकता है। इसका इस्तेमाल केंद्र और राज्य दोनों तरह की सरकारें करती हैं।
पहली बार इंदिरा गांधी की सरकार में 23 सितंबर, 1980 को यह कानून सामने आया था। NSA एक्ट के तहत अगर देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला होता है, तो किसी भी व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। इसका इस्तेमाल करते हुए किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को अधिकतम 1 साल तक बिना किसी आरोप के जेल में रखा जा सकता है।