देहरादून। उत्तराखण्ड में वैसे तो पूरे देश को आकर्षित करने का पूरा माद्दा है लेकिन इस बार यूके जरा अलग गतिविधि को लेकर चर्चा में है, जानकारी के अनुसार यहां के रहने वाले अभिमन्यु ने पेरिस अल्ट्रा साईकिलिग इवेन्ट के लिए क्वालीफाई किया। देश की नवरत्न कम्पनी ओएनजीसी चिकित्सालय में कार्यरत डा० अभिमन्यु सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं, आर्मी बैकग्राउंड से पले बढ़े डाक्टर अभिमन्यु उत्तराखण्ड़ के एक ऐसे साईकिल चालक हैं जिन्होंने पेरिस में आयोजित वाड्रेनियल अल्ट्रा साईकलिंग इवेन्ट में उत्तराखण्ड प्रदेश की धमक कायम की।
ऑक्सैक्स क्लब पेरिसियन द्वारा आयोजित इस साईक्लिंग इवेन्ट में दुनिया भर से छह हजार प्रतिभागी चुने गये थे, भारत से इस वर्ष 300 प्रतिभागियों ने इस इवेन्ट के लिए क्वालीफाई किया था। 18 से 22 अगस्त तक आयोजित 1200 किमी की इस साईकिल इवेन्ट में प्रतिभाग लेने के लिए डा० अभिमन्यु ने सुपर रैंडनूर श्रॄंखला के अन्तर्गत 200 किमी, 300 किमी तथा 400 एवं 600 किमी रेस पूरी कर पेरिस अल्ट्रा साईकिलिग इवेन्ट के लिए क्वालीफाई किया।
पेरिस बेस्ट पेरिस अल्ट्रा साईकिलिग इवेन्ट का सन् 1891 से लम्बा इतिहास रहा है, यह दो विश्व युद्धों के दौरान से हर 4 साल में आयोजित किया जा रहा है। इस इवेन्ट में पहुँचने के लिए डाक्टर अभिमन्यु ने कई सुपर इवेन्ट किये हैं जैसे पूर्ण सुपर रैंडनूर श्रॄंखला, मनाली लेह और लेह खारदुंगला लेह आदि में भाग लिया। डाक्टर अभिमन्यु कहते हैं कि मुझे हमेशा से सभी बच्चों की तरह साईकिल चलाने में दिलचस्पी थी,उस समय भारत में पेशेवर साईकिल चलाने का कोई संकेत नहीं था। उस समय से आज तक बहुत कुछ बदल गया है और मैनें आजकल हफ्ते में औसतन २०० किमी साईकिल चलाना शुरू कर दिया है।
कई साईकिल क्लबों से जुडे़ ओएनजीसी के इस युवा डाक्टर के नाम उपलब्धियों की फेयरलिस्ट है जिनमें ब्रिटिश साईकिलिंग राइड के पांच चैलेन्ज, साइंस इन स्पोर्ट्स सेंचुरी चैलेंज और हाल में ही कैंसर अनुसंधान के लिए ३०० मील की चुनौती पूरी की तथा टाटा एआईजी गोल्डन ट्राईएनगल साईकल रैली व रेस भाग लेना शामिल है।