नई दिल्ली। देश में आए दिन किसी न किसी चींज को लेकर विवाद चलता रहता है। भारतीय राजनीति विवादों का मुखोटा पहने हुए है। हर समय भारतीय राजनीति की छवि विवादों में ही घिरी दिखाई देती है। ऐसा ही एक बार फिर देखने को मिला है। लेकिन अब विवाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की किताब को लेकर जो अगले साल जनवरी में आने वाली है। प्रकाशन से पहले ही इस किताब को लेकर काफी विवाद हो चुका है। किताब के मुताबिक, प्रणब मुखर्जी ने लिखा कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस ने दिशा खो दी थी। जिसके चलते पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और पूर्व लोकसभा सांसद अभिजीत मुखर्जी ने जनवरी में प्रकाशित होने वाली प्रणब मुखर्जी की किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ के प्रकाशन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
अभिजीत ने प्रकाशन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की-
बता दें कि प्रकाशन से पहले ही इस किताब को लेकर काफी विवाद हो चुका है। जिसके चलते अभिजीत मुखर्जी ने जनवरी में प्रकाशित होने वाली प्रणब मुखर्जी की किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ के प्रकाशन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी कि उन्होंने प्रकाशक रूपा पब्लिकेशंस से किताब पर तब तक रोक लगाने की मांग की है जब तक कि वो खुद उसे पढ़कर किताब के प्रकाशन की लिखित स्वीकृति नहीं देते। अभिजीत मुखर्जी ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया है कि किताब में कुछ अंश प्रेरित हैं और पहले से मीडिया में हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके पिता स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी भी ज़िन्दा होते तो प्रकाशन से पहले खुद पूरी किताब जरूर पढ़ना चाहते।
मनमोहन सिंह का ज़्यादा वक्त यूपीए गठबंधन को बचाने में ही बीता- प्रणव मुखर्जी
गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी की ये किताब अगले साल जनवरी में आने वाली है और प्रकाशन से पहले ही किताब को लेकर काफी विवाद पैदा हो चुका है। असल में इस किताब के मुताबिक प्रणब मुखर्जी ने खुद लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस ने दिशा खो दी थी और सोनिया गांधी पार्टी के मामले संभाल नहीं पा रही थीं। इसके साथ ही किताब के मुताबिक प्रणब मुखर्जी ने ये भी लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का अपने कार्यकाल में ज़्यादा वक्त यूपीए गठबंधन को बचाने में ही बीता, जिसका बुरा प्रभाव सरकार के कामकाज पर पड़ा। जाहिर है कि ऐसे में प्रणब मुखर्जी की ये किताब कांग्रेस की समस्याएं और बढ़ा सकती हैं।