नई दिल्ली। दिल्ली की सियासत का पारा अब उतर चुका है… और इस उतरते पारे के साथ ही दिल्ली पर चढ़ गया है भगवा रंग का रुआब। 270 वार्ड वाली दिल्ली ने 181 वार्ड में कमल खिला दिया है। सत्तानशीं अरविंद केजरीवाल ने सोचा भी नहीं होगा कि ये वही दिल्ली है जहां उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस को जड़ से खत्म किया था…ये वही दिल्ली के लोग हैं जिन्होंने 70 में 67 सीटें जितायीं थीं…ये वही दिल्ली है जिसने आंदोलन की आग से तपकर निकले एक आम आदमी को खास बनाकर दिल्ली के सिंहासन पर बिठा दिया था, मगर आज वही दिल्ली केजरीवाल के सामने संकट पैदा कर चुकी है। ये दिल्ली की जनता का साथ ही है कि मनोज तिवारी बेबाक हो गए हैं और सिलसिलवार तरीके से उन्होंने केजरीवाल एंड कंपनी की खबर ली है।
मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली को वर्ग, जाति और प्रांत में ना बांटे। मुख्यमंत्री ने नकारात्मक राजनीति की और दिल्ली की जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया। सीएम ने दिल्ली को श्राप दिया है जिसकी वजह से आप नकारात्मकता के दलदल में फंस गई है। केजरीवाल को चाहिए कि वो एमसीडी का हक ना रोकें और साथ मिलकर काम करें। इसके साथ ही अजय माकन के इस्तीफे पर चुटकी लेते हुए तिवारी जी ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा देने में जल्दबाजी कर दी।
इसके साथ ही मनोज तिवारी इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने से नहीं चूके। उन्होंने कहा पीएम की गरीबों के लिए नीतियां जीत की वजह बनी है। इसके साथ ही उन्होंने सुकमा में शहीद हुए जवानों की शहादत को सलाम करते हुए लोगों से अपील की कि वो जीत का जश्न ना मनाएं।
जाहिर सी बात है कि इन चुनावों में पीएम मोदी ने भले ही कोई प्रचार नहीं किया कोई रैली नहीं की लेकिन फिर भी कहना गलत नहीं होगा कि एमसीडी में मोदी का जैदू चल गया।
(शिप्रा सक्सेना)