चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। सोमवार को आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि बादल सरकार अब चुनावों के मौके बीमा और कर्ज स्कीमों के साथ कर्मचारियों का जमीर खरीदने की कोशिश कर रही है। जबकि पिछले पौने 10 साल कर्मचारी अपनी, मांगों को लेकर सड़कों से लेकर गुहार लगाती रही तब सरकार ने नहीं सुनी।
पुलिस ने दबाई मजदूरों की आवाज
आप ने कहा कि जब कर्मचारी अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष कर रहा था, उस समय राज्य की पुलिस उनकी आवाज दबाने में लगी हुई है। पार्टी के लीगल सैल के प्रमुख और मजीठा से पार्टी के उम्मीदवार हिम्मत सिंह शेरगिल ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल उस समय कहां थे, जब अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को वेतन और सेवामुक्त होने के बाद में मिलने वाला बकाया कई-कई महीने बिना किसी कारण से रोक कर रखा।
उन्होंने कहा कि बादल उस समय कहां थे, जब कच्चे कर्मचारियों की तरफ से उनकी सेवाओं को पक्का करने के लिए शांतमयी प्रदर्शन किए जा रहे थे और पुलिस की तरफ से उन पर लाठियां बरसाई गई और बुरी तरह से मारपीट की गई थी। उन्होंने कहा कि हादसे में मारे गए लोगों के लिए 15 लाख रुपए, हवाई हादसे में मारे गए व्यक्ति को 25 लाख रुपए और हादसे में अपंग होने वाले व्यक्ति को 5 लाख रुपए की बीमा राशि देने की बात फिर दोहरा कर बादलों की तरफ से लोगों और खासकर कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की जा रही है।