उन्होंने कहा कि पार्टी ने तय किया था कि राज्यसभा पार्टी के लोगों की बजाय एक्सपर्ट्स को भेजा जाएगा और रघुराम राजन से लेकर जस्टिस टी.एस.ठाकुर तक कई बड़े नामों से संपर्क किया, लेकिन सबने पार्टी के नाम के साथ जुड़ने से इनकार कर दिया। जिसके बाद एन.डी. गुप्ता और सुशील गुप्ता का नाम तय किया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का नाम इसलिए तय किया गया ताकि ये संदेश दिया जा सके कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं की अहमियत समझती है। संजय सिंह के नाम को लेकर कोई विवाद भी नहीं था।
वहीं एन.डी. गुप्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। पार्टी के एक नेता के मुताबिक दिल्ली में जीएसटी के सबसे बड़े जानकारों में से एक गुप्ता हैं। 68 साल के गुप्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट असोसिएशन के प्रेजिडेंट रह चुके हैं।
वहीं एन.डी. गुप्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। पार्टी के एक नेता के मुताबिक दिल्ली में जीएसटी के सबसे बड़े जानकारों में से एक गुप्ता हैं। 68 साल के गुप्ता चार्टर्ड अकाउंटेंट असोसिएशन के प्रेजिडेंट रह चुके हैं।
सुशील गुप्ता सोशल ऐक्टिविस्ट हैं और पूर्व कांग्रेसी हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार चुके हैं। गुप्ता ने हेल्थ और एजुकेशन दोनों सेक्टरों पर काफी काम किया है। उनके दिल्ली में 10 से ज्यादा चैरिटेबल हॉस्पिटल चल रहे हैं और कई स्कूल। वह महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल और स्कूल के ट्रस्टी हैं और गंगा इंटरनैशनल स्कूल भी चलाते हैं। सूत्रों के मुताबिक 2013 में भी आप ने सुशील गुप्ता को मोतीनगर सीट से टिकट ऑफर किया था लेकिन तब उन्होंने मना कर दिया था।