इसी साल जनवरी में एक आठ साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर पुलिस ने चार्जशीट जारी कर दी है। जिसके अनुसार रेप और हत्या का मास्टरमाइंड 60 वर्षीय संजीराम है। जिसने 20 मार्च को क्राइम ब्रांच के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वहीं उसके बेटे को उत्तर प्रदेश गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, हेड कांस्टेबल तिलक राज, सुरिंदर कुमार और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार को सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता कि पिता ने 12 जनवरी को हीरानगर थाने में अपनी बेटी की गुशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और 10 जनवरी से उनकी बेटी जंगल से घास लाने के लिए घर से निकली थी।
चार्जशीट के मुताबिक, बलात्कार और हत्या की साजिश रचने में राम का ही हाथ था। उसने बच्ची के किडनैप, दुष्कर्म और हत्या की योजना बनाई। उसने विशेष पुलिस अधिकारी खजूरिया और एक नाबालिग को अपनी साजिश में शामिल किया। दीपक अपने दोस्त विक्रम के साथ सात जनवरी की शाम बिटू मेडिकल स्टोर गया और इपिट्रिल दवा के दस टैबलेट खरीदे, जिसका नाम उसके चाचा ने सुझाया था।
इसी संजी राम ने भतीजे को लड़की का अपहरण करने को कहा। लड़की अक्सर जंगल में आती थी। दस जनवरी को जब लड़की अपने जानवरों को खोज रही थी, उसी दौरान राम के भतीजे ने जानवरों के जंगल में होने की बात कही और अपने साथ थोड़ी दूर ले गया। फिर उसने लड़की की गर्दन पकड़कर जमीन पर गिरा दिया। पिटाई से बच्ची बेहोश हो गई तो नाबालिग ने उसका रेप किया। इसके बाद उसके साथी मन्नू ने भी रेप किया। फिर वे लड़की को मंदिर परिसर में ले गए, जहां उसे प्रार्थनाकक्ष में बंधक बनाकर रखा।
चार्जशीट के मुताबिक, 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने एक अन्य आरोपी विशाल जंगोत्रा को लड़की के किडनैपिंग के बारे में जानकारी दी। कहा कि अगर वह भी हवस बुझाना चाहता है तो मेरठ से जल्दी आ जाए। 12 जनवरी को विशाल जंगोत्रा रसना पहुंचा। सुबह करीब साढ़े आठ बजे आरोपी मंदिर गए और वहां भूखे पेट बंधक बनी लड़की को नशे की तीन गोली दी।