राज्य उत्तराखंड

समान वेतन की मांग को लेकर पीएम और सीएम को भेजा ज्ञापन

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देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन ने एनएचएम कर्मियों को स्थायी कार्मिकों की भांति समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग की है। संगठन का कहना है कि कर्मचारियों की स्पष्ट सेवा नियमावली तैयार की जाए। एनएचएम कार्मिकों को भी सातवें वेतन आयोग के अनुसार संशोधित वेतनमान देने की भी मांग उन्होंने की। इस संबंध में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना ज्ञापन भेजा है। संगठन के जिलाध्यक्ष नितिन कहेड़ा ने कहा कि 12 वर्षों से भी अधिक समय से कार्यरत एनएचएम कर्मियों के भविष्य के लिहाज से सरकार को उचित निर्णय लेना चाहिए।

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उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले के कर्मचारियों ने पीएमओ पोर्टल पर अपनी ग्रिवांस भी भेजी है। एक तरफ केंद्र सरकार 24 हजार रुपये न्यूनतम वेतन की बात करती है वहीं केंद्र द्वारा संचालित कई कार्यक्रम में कार्यरत कर्मचारियों को सात हजार रुपये ही वेतन दिया जा रहा है। यह किसी भी तरह न्याय संगत नहीं है। मीडिया प्रभारी दिवान बिष्ट ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले एनएचएम के कर्मचारियों का शोषण कर उस रीढ़ को ही खोखला किया जा रहा है। सरकार के इस रवैये से कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।

वहीं प्रदेश अध्यक्ष संजय चौहान ने कहा कि वर्ष 2016 में संगठन व शासन के मध्य लिखित समझौते के बाद हड़ताल वापस ली गई थी, लेकिन दो साल बाद भी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे प्रदेशभर में कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। इस दौरान अश्वनी कुमार, डॉ. अमित कुमार, डॉ. उज्जवल, नीरज सिन्हा, प्रमोद नेगी, डॉ. अंकित कुमार, डॉ. अनिल पाल, बिमल मौर्य, शेखर बिजल्वाण, अंजनी कुमार, शोभित आदि उपस्थित रहे।

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