वाशिंगटन। अमेरिका में एक भारतीय शख्स को अलकायदा के एक प्रमुख नेता को आर्थिक मदद देने के आरोप में दोषी ठहराया गया है। उसने एक जिला न्यायाधीश के अपहरण और हत्या करने की साजिश भी रची थी। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। अधिकारियों के अनुसार, उक्त व्यक्ति अलकायदा को अमेरिकी सेना और एक न्यायाधीश के खिलाफ हिंसक जिहाद के लिए वित्तीय व अन्य सहयोग दे रहा था।
बता दें कि न्यायिक विभाग की ओर से कहा गया है कि याह्या फारुक मोहम्मद (39) साल 2008 में एक अमेरिकी नागरिक से शादी की थी। फारुक आहियो स्टेट विश्वविद्यालय में साल 2002 से 2004 के बीच इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था। उसके साथ तीन और अभियुक्त हैं, जिनमें उसका भाई इब्राहिम मोहम्मद और दो अमेरिकी नागरिक- आसिफ अहमद सलीम और सुल्तान रूम सलीम शामिल हैं। दोनों अमेरिकी नागरिक भाई हैं। फारुक को 27 साल जेल और निर्वासन की सजा मिल सकती है। कार्यवाहक सहायक अटार्नी जनरल डाना जे बोनटे ने कहा, “अभियुक्त ने अनवर अल-अवलाकी की हिंसक जिहाद की अपील पर वित्तीय मदद करने करने की साजिश की थी या वित्तीय मदद प्रदान की थी।”
वहीं फारुक के अलावा बाकी तीन अभियुक्तों को दोषी नहीं पाया गया है। मामला अभी लंबित है। फारुक पर आरोप था कि उसने स्वीकार किया है कि उसने और उसके साथी अनवर अल-अवलाकी को डॉलर, उपकरण और अन्य सहायता देने के लिए यमन जाने की योजना बनाई थी। अनवर को यह मदद इराक, अफगानिस्तान और पूरे विश्व में हिंसक जिंहाद फैलाने के लिए की जानी थी। अदालती दस्तावेजों के अनुसार, अनवर को साल 2010 में वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था।उसकी पहचान अरब प्रायद्वीप में अल-कायदा के प्रमुख नेता के तौर पर की गई थी।
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