कन्नौज। कहते हैं कि प्यार की जंग में सबकुछ जायज होता है। प्यार को पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। एक ऐसा ही वाकया कन्नौज में देखने को मिला, जब एक युवती ने अपने प्यार को पाने की खातिर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। आखिरकार प्रेमी के परिवार को युवती के जिद के आगे झुकना पड़ा और मंदिर में दोनों की शादी करवाई गई।
मामला कन्नौज जिले के सौरिख क्षेत्र का है। इटावा के भरथना की रहने वाली शिवा यादव सौरिख के नगला विशुना निवासी अनुज यादव से प्रेम विवाह करना चाहती थीं। 19 मई को वह अपने घर से अनुज के घर पहुंचीं और शादी करने की बात कही।
शिवा की बात को सुनकर अनुज के घरवाले तैश में आ गए और उन्होंने इस विवाह से इनकार कर दिया। कहते हैं ना कि प्यार की जंग में सब जायज होता है। प्रेमिका शिवा भी वहीं अनुज के ही घर के सामने धरने पर बैठ गई और कहा कि जब तक अनुज से शादी नहीं होती वह वहीं रहेगी। अगर किसी ने जोर जबरदस्ती कर हटाने की कोशिश की तो वह आत्मदाह कर लेगी।
इधर मामले को तूल पकड़ता देख प्रेमी अनुज के घरवाले ताला लगाकर मौके से फरार हो गए। लेकिन, युवती भी अपनी जिद पर अड़ी रही। उसने धरने से उठने से इनकार कर दिया। मामले को गंभीर होता देख मौके पर पुलिस को तैनात किया गया। युवती को लाख समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वह किसी की भी सुनने को तैयार नहीं हुई।
आखिरकार सोमवार को यानी 24 मई को युवती की जिद ने रंग दिखाया और अनुज के घरवाले भी शादी के लिए राजी हो गए। दोनों के राजी होने के बाद बगल के ही श्रीबालाजी धाम मंदिर पर हिंदू रिति रिवाजों से दोनों की शादी कराई गई।
करीब एक हफ्ते से चल रहे इस ड्रामे की सूचना अगल-बगल के गांवों तक तेजी से फैल गई थी। शादी के लिए अनुज के परिवार के राजी होने की सूचना भी जंगल में आग की तरह फैल गई। मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच गए।
जैसे ही वर और वधू ने एकदूसरे को वरमाला पहनाई पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। शादी ही इस रस्म में प्रेमी के माता-पिता और प्रेमिका के पिता के अलावा कुछ चुनिंदा रिश्तेदार ही शामिल हुए। प्रेमिका की मां ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया। शादी होने के बाद यह घटना लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
ऐसे इश्क चढ़ा परवान
प्रेमिका शिवा और प्रेमी अनुज के प्यार की शुरूआत करीब एक साल पहले हुई थी। साथ में दोनों जीने मरने की कसमें खाने लगे थे। लेकिन, दोनों ही परिवारों से उनके इस रिश्ते को लेकर सबकी सहमति नहीं थी। जिसके कारण दोनों ही घर छोड़कर फरार हो गए थे। इस बीच युवक अनुज अपनी प्रेमिका को घर लेकर गया तो वहां परिजनों ने अपनाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद यह पूरी कहानी हुई।
ना बैंड-बाजा, ना बाराती, एकदूजे के हुए दीवाने
विवादों के बाद जब अनुज के घरवालों ने दोनों के रिश्ते को हामी भरी तो दोनों ने भगवान को साक्षी मानकर हमेशा के लिए एकदूजे के हो गए। इस दौरान आचार्य ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे भी करवाए। हालांकि इस दौरान न तो कोई बाराती था न कोई घराती। वहां मौजूद भीड़ तमाशबीन थी। साथ ही कोई बैंड बाजा भी नहीं था। प्यार को पाने की जिद ने दोनों को हमेशा के लिए एकदूजे का बना दिया।