नई दिल्ली। हर माता-पिता अपनी लाड़ली बेटी के लिए हमेशा ऐसा पति और परिवार तराशते हैं जो उनकी लाड़कीकी हर सुख सुविधा को पूरा कर सकें। इसी आवेश में आकर आज कल बहुत से लोग अपनी बेटियों का विवाह एनआरआई से करने पर जोर दे रहे हैं। खासकर पंजाब में तो ये आकड़ा चौंकाने वाला है,जहां हर दस में से पांच लड़कियों की शादी एनआरआई मुंडे के साथ होती है। विदेश में रहने वाले इन लड़कों पर अकसर मां-बाप आंख मूंदकर भरोसा करके अपनी बेटी दे देते हैं, लेकिन विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक हर आठ घंटे में एनआरआई से शादी करने वाली एक बेटी अपने पैरेंट्स से मदद मांगने के लिए फोन करती है।
इसके पीछे की वजह विदेश ले जाकर पति द्वारा बेसहारा छोड़ देना और शारिरिक प्रताड़ना बताई गई है। विदेश मंत्रालय ने ये रिपोर्ट एक जनवरी 2015 से 30 नवंबर 2017 के बीच आई 3,328 शिकायतों के आधार पर बनाई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक विदेश में रहने वाली एक बेटी ने तीन से ज्यादा बार और एक बार रात में अपने पैरेंट्स को फोन किया है। इनमें ज्यादातर महिलाएं पंजाब, गुजरात और आंध्र-तेलंगाना की हैं। सार्वजनिक सहयोग और बाल विकास की एक साल पहले आई रिपोर्ट ने भी इन कारणों की पुष्टि की है।
अमेरिका के भारतीय दूतावास में काम करने वाली आरती राव ने बताया कि ज्यादातर महिलाएं आंध्र प्रदेश की होती हैं, जहां आज भी दहेज प्रथा मजबूत है। अपने मां-बाप की खुशी के लिए लड़के स्वदेश आकर उनकी पसंद की लड़की से शादी करते हैं लेकिन उसके साथ रहने का उनका कोई इरादा नहीं होता है। अमूमन हर देश में विदेश मंत्रालय इन महिलाओं की मदद करने की कोशिश करता है।