जयपुर। फिल्म पद्मावती के विरोध ने अब बहुत ही भयानक रूप धारण कर लिया है। पद्मावती के विरोध ने अब एक नई हिंसा का मोड़ ले लिया है। पद्मावती के विरोध के चलते जयपुर के नाहरगढ़ किले की दिवार पर एक शख्स की लाश लटकी हुई मिली और पास के पत्थर पर लिखा थी कि हम पुतला चलाते नहीं लटकाते हैं जिसकी लाश किले पर लटकी मिली उसका नाम चेतन तांत्रिक है। इस खौफनाक हादसे के बाद जयपुर पुलिस हरकत में आ गई है। पुलिस ने अपनी शुरूआती जांच में बताया कि शव की पहचान कर ली गई है। मरने वाले के पास एक मुंबई का टिकट भी मिला है।
बता दें कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन पुलिस का कहना है कि इस हादसे का फिल्म के विरोध से कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल पुलिस इस एंगल से जांच कर रही है कि ये मामला हत्या का है या आत्महत्या का। दिवार पर चेतन का नाम भी लिखा हुआ है। मलिक मोहम्मद जायसी के महाकव्य पद्मावत में तांत्रिक चेतन का जिक्र है। तांत्रिक चेतन का जिक्र है। तांत्रिक चेतन राघव चित्तौड़गढ़ के राजा रतनसेन के दरबार में हुआ करता था। एक बार उसकी तंत्र विद्या से आहत होकर राजा ने उसे दरबार से बाहर कर दिया था और देश निकाला दे दिया था।
वहीं तांत्रिक ने पूर्णिमा की रात पहले ही तंत्र विद्या से पूर्णिमा का चांद दिखा दिया था। इससे पंडितों के साथ साथ राजा रतनसेन भी नाराज हुए थे जो तंत्र विदया के खिलाफ थे। देश निकाले के बाद तांत्रिक चेतन राघव उलाऊद्दीन खिलजी के दरबार में पहुंचा था।उसने खिलजी को रानी पद्मावती की सुंदरता का बखान किया था। जायसी की पद्मावत के मुताबिक चेतन राघव ने जिस तरह से रानी पद्मावती की सुंदरता के बारे में विस्तार से खिलजी को बताया था उसके बाद ही खिलजी की रानी पद्मावती को पाने ही इच्छा जाग्रत हुई थी और उसने चित्तौड़गढ़ के किले पर हमला किया था।