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छठें चरण में 979 प्रत्याशियों की किस्मत है दांव पर, 10.17 करोड़ वोटर करेंगे मतदान

election voting छठें चरण में 979 प्रत्याशियों की किस्मत है दांव पर, 10.17 करोड़ वोटर करेंगे मतदान

नई दिल्ली। 6th phase के लोकसभा चुनाव के दौरान इस बार बेहद कांटे की टक्कर होने जा रही है और इसकी वजह है महागठबंधन का सीधे भाजपा से मुकाबला होना। इस चरण में जिन दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में बंद हो जाएगा उनमें केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह और हर्षवर्धन, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हैं। छठे दौर के इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की 14, हरियाणा की 10, बिहार और मध्य प्रदेश की 8-8, दिल्ली की सात और झारखंड की चार सीटों पर मतदान होना है। इस चरण में कुल 10.17 करोड़ मतदाता मतदान के योग्य हैं जो 979 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।
बीजेपी के लिए कड़ी परीक्षा
चुनाव आयोग ने छठे चरण के लिए 1.13 लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए हैं। लोकसभा चुनाव को इस चरण को बीजेपी के लिए कड़ी परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि 2014 के चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 45 सीटें जीतीं थीं, जबकि तृणमूल कांग्रेस को आठ, कांग्रेस को दो और समाजवादी पार्टी और एलजेपी को एक-एक सीट पर जीत मिली थी। बीजेपी ने 2014 के चुनाव में इस चरण में उत्तर प्रदेश की 14 में से 13 सीटों पर जीत हासिल की थी, एकमात्र अपवाद आजमगढ़ था जहां से एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव को जीत मिली थी।
गठबंधन को जीत बरकरार रहने की उम्मीद
बीजेपी को बीते साल फूलपुर और गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में बीजेपी विरोधी गठबंधन इस सीट पर अपनी जीत को बरकरार रखने की उम्मीद लगाए हुए है। इस सीट की अहमियत को इस बात से समझा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ 1998 से 2017 तक लगातार चुनाव जीतते रहे थे। इसी तरह बीजेपी ने 2014 में पहली बार फूलपुर सीट पर जीत हासिल की थी। एक समय देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का संसदीय क्षेत्र रहे फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव जीता था।

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