नई दिल्ली। सूबे में 11 मार्च को भाजपा की सरकार सत्ता में आई और 19 मार्च को महंत योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। आज 19 जून है ठीक सरकार के आये ठीक 3 महीने बीत चुके हैं। सरकार ने सत्ता में आने के पहले कुछ नारे और वादे किए थे। हम तीन महीने के योगी सरकार के कार्यकाल पर एक नजर डालें तो वादे और नारे कहां तक सच साबित हुए हैं । ये साफ पता चल जाता है। योगी सरकार ने जनता से जो पहले वादा किया था कि प्रदेश को गुण्डाराज माफियावाद और अराजकता से मुक्ति दिलायेंगे तो हम पहले इसी को जांचने निकले।
योगी सरकार के तीन महीने में बड़ी वारदातें
योगी सरकार ने सूबे की कुर्सी सम्भालते ही कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार लाया जायेगा। सूबे की सारी व्यवस्थाएं अभी नियम और कायदे से चलेंगी। प्रदेश में अब अपराध और अराजकता नहीं रहेगी। लेकिन जैसे अपराधी योगी सरकार के इन वादों और इरादों को विफल करने के लिए बैठे थे। पहला निशाना बना मथुरा फिर आगरा फिर सहारनपुर इसके बाद जेवर फिर रामपुर हालात एक के बाद एक बिगड़ते गये। फिर भी कानून व्यवस्था को योगी सुधारने की कवायद करते रहे। लेकिन अपराधी तो अपराधी थे इसके बाद भी सीतापुर और इलाहाबाद में सरेआम अपराध की वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस तंत्र केवल हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा । योगी केवल मंच से बोलते रहे लेकिन अपराध कम ना हुए 3 तीने में योगी सरकार ने अपराध पर कहीं कोई नकेल नहीं कसी है। अपराध के मोर्चे पर योगी सरकार 3 महीने में विफल रही है।