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15वें वित्त आयोग से उत्तराखंड के शहरी निकायों के लिए ज्यादा मिले 90 करोड़ रुपये नौ कैंटोनमेंट क्षेत्रों में भी जाएंगे बांटे

उत्तराखंड 5 15वें वित्त आयोग से उत्तराखंड के शहरी निकायों के लिए ज्यादा मिले 90 करोड़ रुपये नौ कैंटोनमेंट क्षेत्रों में भी जाएंगे बांटे

देहरादून। 15वें वित्त आयोग से उत्तराखंड के शहरी निकायों के लिए ज्यादा मिले 90 करोड़ रुपये अब नौ कैंटोनमेंट क्षेत्रों में भी बंटेंगे। आयोग ने शहरी निकायों के लिए धनराशि बढ़ाने के साथ ही पहली बार कैंट क्षेत्रों को भी राज्य को मिलने वाले वित्तीय अनुदान में हिस्सेदार बना दिया है। बढ़ाई गई 90 करोड़ राशि में से कैंटोनमेंट बोर्ड की हिस्सेदारी जल्द तय की जाएगी। अब तक अपने ही शहरी निकाय क्षेत्रों को संभाल रही राज्य सरकार को कैंट क्षेत्रों को भी वित्तीय अनुदान मुहैया कराना होगा। 

बता दें कि राज्य में शहरी निकायों की संख्या 92 है। इनमें आठ नगर निगम, 41 नगरपालिका परिषद और 43 नगर पंचायत हैं। 15वें वित्त आयोग ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि शहरी निकायों के लिए अनुदान में कुछ हिस्सा कैंटोनमेंट बोर्ड को भी आवंटित किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि आयोग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य के शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए 852 करोड़ रुपये अनुदान की सिफारिश की है। यह चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में 21 फीसद ज्यादा है। चालू वर्ष के लिए स्थानीय निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं के लिए 704.10 करोड़ धनराशि की सिफारिश की गई थी। 

बता दें कि आयोग के मुताबिक नए वित्तीय वर्ष 2020-21 में शहरी निकायों को 278 करोड़ मिलेंगे। चालू वर्ष के लिए यह राशि 188 करोड़ तय की गई थी। इस हिसाब से नए वित्तीय वर्ष में राज्य को निकायों के लिए 90 करोड़ की राशि ज्यादा मिल रही है, लेकिन इसमें नौ कैंटोनमेंट क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। अभी तक नगर निगमों को 40 फीसद, नगरपालिकाओं को 45 फीसद और नगर पंचायतों को 15 फीसद हिस्सेदारी के मुताबिक अनुदान मिलता रहा है। राज्य सरकार के अपने निकायों की अनुदान हिस्सेदारी में कटौती की जाएगी। 

कैंट क्षेत्रों की अनुदान में हिस्सेदारी का फार्मूला तय किया जाएगा। राज्य वित्त आयोग अभी शहरी निकायों की अनुदान में हिस्सेदारी तय करने का फार्मूला तय किया हुआ है। इसमें जनसंख्या को 90 फीसद और क्षेत्रफल को 10 फीसद भारांश दिया गया है। माना जा रहा है कि कैंट क्षेत्र की हिस्सेदारी इसी भारांश के आधार पर तय की जा सकती है। वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि कैंट क्षेत्रों की अनुदान में हिस्सेदारी जल्द तय की जाएगी। इसके लिए केंद्र के निर्देशों का इंतजार है। अन्यथा राज्य वित्त आयोग से परामर्श लिया जाएगा।

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