भारत-चीन सीमा पर गतिरोध के बीच दोनों देशों की कोर कमांडर स्तर की बैठक का 8 वां दौर चुशुल में हुआ. 6 नवंबर को हुई कमांडर लेवल बातचीत के बाद साझा बयान जारी करा गया हैं. दोनों देशों के साझा बयान में कहा गया हैं कि दोनों पक्षों ने विवाद के मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा की हैं. हालांकि, चुशूल में 10 घंटे तक चली 8 वां दौर की बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. दोनों पक्ष अपनी बातों पर अड़े रहे.
भारत ने चीन को पीछे हटने को कहा
इस दौरान भारत की ओर से कहा गया की चीन पहले अपनी सेना को मई से पहले वाली जगह पर पीछे लेकर जाए. वहीँ चीन हर जगह के बजाय कुछेक जगहों से अपनी सेना हटाना चाह रहा हैं और भारत इस बात पर सहमत नहीं हैं.
बातचीत और संचार बनाए रखने के लिए सहमत
शांति और स्थिरता के लिए होगी पहल
समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, भारत ने कोर कमांडर स्तर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले सभी स्थानों से चीन द्वारा जल्द सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया. मुख्य रूप से वार्ता का मकसद क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए खाका तैयार करना था.
भारत ने चीन के सैनिकों की वापसी पर दिया जोर
सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आठवें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से में चुशुल में सुबह करीब साढ़े नौ बजे शुरू हुई और यह शाम सात बजे खत्म हुई. एक सूत्र ने मुताबिक, “भारतीय पक्ष ने अप्रैल से पूर्व की स्थिति जल्द बहाल करने और गतिरोध वाले सभी स्थानों से चीन द्वारा सैनिकों की वापसी पर जोर दिया.”
चीन से बातचीत रहेगी जारी : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
छह महीने से चल रहे सैन्य गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों के पीछे हटने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर करीबी संवाद जारी है.
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष सीमाई इलाके में शांति और स्थिरता के लिए नेताओं के बीच बनी सहमति के आधार पर काम करते हैं. हम पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति को लेकर आपसी स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए चीनी पक्ष से बातचीत जारी रखेंगे.”