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देश में उग्र हुआ किसान आंदोलन, विज्ञान भवन में 8वें दौर की वार्ता आज

96cb7c77 bedd 4088 bbc6 7513a5966151 देश में उग्र हुआ किसान आंदोलन, विज्ञान भवन में 8वें दौर की वार्ता आज

नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन को 44वां दिन है। किसान संगठन और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। जिसके चलते आज सरकार और किसानों के बीच फिर एक बार दोनों तरफ से कोशिश की जा रही है। आज किसान संगठन और सरकार के बीच 8वें दौर की वार्ता होने जा रही है। विज्ञान भवन में किसान संगठन और सरकार के बीच दोपहर 2 बजे बातचीत होगी। किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ सरकार कृषि कानून में बदलाव करने पर राजी हो गई।

जानें यूथ विंग के अध्यक्ष अभिमन्यु ने क्या कहा-

बता दें कि आज किसान आंदोलन को 44वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर अड़े हुए है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, तब तक सभी किसान यहीं डटें रहेंगे। सरकार और किसानों के बीच सहमति बनने को लेकर कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन किसी भी वार्ता में कोई निर्णय नहीं निकल पाया है। कृषि कानून के विरोध में किसान अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार को कुछ भरी फर्क नहीं पड़ रहा है। इसी बीच आज फिर विज्ञान भवन में किसान संगठन और सरकार के बीच 8वें दौर की बातचीत होगी। इसी बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के यूथ विंग के अध्यक्ष अभिमन्यु का कहना है कि सरकार को तीनों कानून तो वापस लेने ही होंगे और एमएसपी गारंटी कानून बनाना पड़ेगा। चाहे अब बनाएं या बाद में बनाएं। अगर सरकार जल्दी कोई फैसला नहीं लेती तो यह आन्दोंलन और तेज होगा। कल सभी ने रिहर्सल देख ली होगी और यह आंदोलन सिर्फ कुछ लोगों का नहीं पूरे देश का आंदोलन है। आज की जो मीटिंग है, हम सकारात्मक सोच के साथ जाएंगे। पहले भी हम खुले मन से और सकारात्मक सोच से आए थे, लेकिन सरकार टालमटोल कर रही है।

सरकार को समझ में आ गया होगा कि किसान एकजुट है-

इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर पंजाब के स्टेट अध्यक्ष जगजीत सिंह ढल्लेवाल का कहना है कि हम उम्मीद लेकर जा रहे हैं कि सरकार कुछ ना कुछ जरूर करेगी, क्योंकि काफी लंबा हो गया है और जो कल हमारी ट्रैक्टर परेड थी, वह भी काफी सफल रही है। सरकार को समझ में आ गया होगा कि किसान एकजुट है और अपने आंदोलन को लेकर के पीछे हटने वाला नहीं है। तीनों कानून वापस हो और एमएसपी गारंटी कानून बने, इससे कम कुछ होगा नहीं। चाहे कितना भी लंबा संघर्ष करना पड़े।

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