- भारत खबर || नई दिल्ली
भारत में भारतीय वायु सेना द्वारा आज के दिन 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। आज के दिन ही भारतीय वायु सेनाIndian Air Force की स्थापना हुई थी। बताते चलें कि भारतीय वायु सेना Indian Air Force आज भी अपना स्थापना दिवस गाजर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर मनाई गई वह अपनी ताकत का भरपूर प्रदर्शन करेगी बताते चलें कि इस भारतीय वायु सेना का 88वां स्थापना दिवस है। और इस बात को लेकर एक बड़ी पूछना यह मिली है कि इस बार स्थापना दिवस पर वायु सेना द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में राफेल को भी शामिल किया गया है। जिसमें राफेल भी अपना भरपूर प्रदर्शन दिखाएगा।
गौरतलब हो कि सन 1932 में भारतीय वायुसेना Indian Air Force के स्थापित हो जाने के बाद भारतीय वायु सेना पाकिस्तान और चीन के खिलाफ हुए युद्ध में अपना शानदार परचम लहरा चुकी है व इन दोनों देशों को वायु युद्ध में धूल चटा चुकी है।
बताते चलें कि भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में हुई थी स्थापना होने के कारण ही इस दिन को भारतीय वायु सेना Indian Air Force स्थापना दिवस के रूप में वायु सैनिकों द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इसी के साथ भारतीय वायुसेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायुसेना की एक इकाई के तौर पर हुई थी। द्वितीय विश्वयुद्ध में इसके नाम में रॉयल शब्द जोड़ा गया था। जिसे स्वतंत्रता मिलने के तीन साल बाद 1950 में इसे हटा दिया गया था।
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना Indian Air Force अब तक 4 युद्धों में शामिल हो चुकी है। अपना परचम लहराने के लिए भारतीय वायु सेना पाकिस्तान और चीन के खिलाफ लड़े गए युद्ध में विजय हासिल कर चुकी है। बताते चलें कि भारतीय वायु सेना द्वारा ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन पूमलाई, बालाकोट एयर स्ट्राइक आदि शामिल है। इसके अलावा भारतीय वायु सेना संयुक्त राष्ट्र शांति के स्थापना कार्यों के लिए अपना सहयोग कर चुकी है।
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राफेल भी मंगा लिया गया है। और इस बार भारतीय वायुसेना द्वारा Indian Air Force किए जा रहे प्रदर्शन में राफेल भी शामिल है। जब राफैल भारत में उतरा तो प्रधानमंत्री मोदी ने इस श्लोक के माध्यम से उसका स्वागत इस श्लोक के द्वारा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर ट्विटर के माध्यम से लिखा कि राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्…स्वागतम्।
बताते चलें कि भारतीय वायु सेना का एक आदर्श वाक्य है। जो उन्हें मजबूती प्रदान करता है। आदर्श वाक्य ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ है. ‘नभ:स्पृशं दीप्तमनेकवर्ण व्यात्ताननं दीप्तविशालनेत्रम्। दृष्ट्वा हि त्वां प्रव्यथितान्तरात्मा धृतिं न विन्दामि शमं च विष्णो।।’ इसका मतलब है कि ‘हे विष्णो, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूँ।