बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में देवताओं के धरा पर उतरने का पर्व देव दीपावली मनाने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दीपों की रोशनी से एक साथ 84 गंगा घाट जगमगा उठेंगे। जब दीपों की रोशनी से एक साथ 84 घाट जगमाते हैं तो लगेगा जैसे धरती पर सितारे उतर आए हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसबार काशी के गंगा घाटों पर करीब 15 लाख दिये जलाए जाएंगे।
वहीं, पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसायियों के चेहरे खिल उठे हैं। दरअसल, देव दीपावली के मद्देनजर जहां होटलों की बुकिंग फुल हो चुकी है। वहीं तीन घंटे के लिए ढाई से तीन लाख रुपये में बजड़े की बुकिंग हो रही है। कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे पर्यटन उद्योग को देसी पर्यटकों के आगमन से संजीवनी मिली है।
घाट पर 22 बजड़े और नाव को चलाने की तैयारी
ये पर्व 18 नवंबर को मनाया जाना है। इस पावन पर्व पर घाट किनारे तमाम होटल, लॉज, बजड़े (बड़ी नाव), नाव की बुकिंग अभी से शुरू हो चुकी है। त्योहार के मद्देनजर घाट पर 22 बजड़े और नाव को चलाने की तैयारी की गई है, ताकि लोगों को गंगा आरती और घाट किनारे जलते दीपों को देखने के लिए परेशानी नहीं हो।
इसके लिए देव दीपावली पर 3 घंटे के लिए ढाई से तीन लाख रुपये में बजड़े की बुकिंग हो रही है। पिछले साल कोरोना के कारण मार्केट में भी खास खरीदारी नहीं हुई थी, लेकिन इसबार छोटे-बड़े सभी दिये बनाने वालों को काफी फायदा हुआ है।
विश्व विख्यात है काशी की देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा पर बनारस में चांद की रोशनी के साथ घाटों पर दीपों का अद्भुत जगमग प्रकाश देवलोक की छटा बिखरेता है। इसे देखने के लिए ना सिर्फ काशीवासी बल्कि देश-दुनिया से लाखों की संख्या में पर्यटक बनारस आते हैं।