लखनऊ: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में ‘आरक्षण महाघोटाले’ की बात करने वाले अभ्यर्थियों का जत्था बुधवार को फिर लखनऊ पहुंचेगा। भर्ती में आरक्षण के हेर-फेर का आरोप लगा रहे अभ्यर्थियों का इरादा अबकी बार मुख्यमंत्री आवास घेरने का है। भारतखबर.कॉम से अभ्यर्थियों ने इस बात की पुष्टि की है।
दरअसल, अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री के आवास से केवल उन्हें बहाने के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि, 22 जून से लगातार उनका एक डेलिगेशन शिक्षा मंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंच रहा है लेकिन उन्हें रोज़ ये कहकर लौटाया जा रहा है कि मंत्रीजी अभी हैं नहीं। उन्होंने कहा कि अब सीधा मुख्यमंत्री आवास पर धरना होगा।
क्या है आरक्षण घोटाला?
दरअसल, ओबीसी एवं एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 27 प्रतिशत के स्थान पर 3.86 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है वहीं दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर 16.6 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस घोटाले को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग ने भी माना है कि 5,844 सीटें जो ओबीसी और एससी वर्ग की थीं, वे अनारक्षित वर्ग को दे दी गई हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में 27 व 21 फ़ीसदी आरक्षण नहीं दिया गया है।
22 जून को दिया था महाधरना
वहीं बीते 22 जून को राजधानी स्थित एससीईआरटी कार्यालय पर अभ्यर्थियों ने आरक्षण घोटाले के विरोध में महाधरना दिया था। सैकड़ों की संख्या में पूरे प्रदेश से आए अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की थी।
शिक्षक भर्ती से असंतुष्ट 55 अभ्यर्थियों ने मांगीं इच्छा मृत्यु
हाल ही में 55 एससी/एसटी और ओबीसी अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग भी की थी। इन 55 अभ्यर्थियों में 14 महिलाएं भी शामिल थीं। इच्छा मृत्यु का पत्र ई-मेल के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम भेजा गया था।
पूर्ण रूप से प्रताड़ित हैं अभ्यर्थी
आरक्षण घोटाले की बात करने वाले अभ्यर्थी लगातार प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे मानसिक और आर्थिक, दोनों ही तरफ से प्रताड़ित हैं। वे दर-बदर भटक रहे हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।