जयपुर। राजस्थान में प्री फेब्रिकेटेड तकनीक से 680 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही 84 केंद्रों का निर्माण कार्य पर प्रशासन द्वारा प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त 155 स्थानों पर भूमि आवंटित होते ही निर्माण कार्य करवाया जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा वीनू गुप्ता ने मंगलवार को विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी।
उन्होंने प्री फेब्रिकेटेड तकनीक से निर्मित उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों को संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल सुपुर्द कर उनमें स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करने को कहा। इन केन्द्रों पर प्रति केन्द्र के निर्माण पर 27 लाख रुपये की दर से भवन निर्माण हेतु कुल 248 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं।
इनमें उच्च प्राथमिकता वाले आदिवासी व मरूस्थलीय जिलों के 296 उपस्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण भी शामिल हैं। प्रदेश में 150 से अधिक शैय्याओं वाले 07 चिकित्सालयों नाथद्वारा-राजसमंद, लाडनू व डीडवाना-नागौर, सांगवाड़ा-डूंगरपुर, गंगापुरसिटी-सवाई माधोपुर, फलौदी-जोधपुर एवं केकड़ी-अजमेर में नये ब्लड बैंक बनकर तैयार हो गए हैं। साथ ही जयपुर के कांवटिया चिकित्सालय में आठवां ब्लड बैंक का कार्य 31 मार्च 2017 तक पूरा करने के निर्देष दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 09 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से स्वीकृत किए गए 7 नए ब्लड कम्पोनेंट सेपरेषन युनिट निर्माण का कार्य चूरू, हनुमानगढ़, पाली, भीलवाड़ा, बारां, भरतपुर एवं सीकर जिलों में पूरा कर लिया गया है। इस वर्ष के प्रस्तावित बजट की अनुपालना में राज्य के 7 जिला चिकित्सालयों-ब्यावर, अलवर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, श्रीगंगानगर तथा झुंझुनूं में स्थापित ब्लड बैंक को ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट में क्रमोन्नत किया जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम हेतु जिला चिकित्सालयों में स्क्रीनिंग एवं उपचार करवाने हेतु कार्यक्रम प्रारम्भ किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके प्रथम चरण में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 300 एवं इससे अधिक शैय्याओं वाले 14 जिला चिकित्सालयों में महिलाओं की स्क्रीनिंग जांच एवं समुचित इलाज करवाने हेतु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।