हरिद्वार। हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौट रहे दिल्ली के एक परिवार के छह कांवड़िया शनिवार शाम दिल्ली-दून हाईवे से लापता हो गए। इनमें एक महिला और 5 बच्चें शामिल हैं। परिजनों ने उन्हें एक वाहन में बैठाते हुए निर्धारित जगह पर पहुंचाने के लिए कहा था। परिजन उन्हें हाईवे के सभी कांवड़ शिविरों में खोज चुके हैं, मगर उनका कुछ अता-पता नहीं लगा है। सीमा विवाद के चलते 2 थानों की पुलिस गुमशुदगी की FIR लिखने तक को तैयार नहीं है।
दरअसल, दिल्ली के राणा प्रताप बाग निवासी सोनू एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हैं। सोनू अपनी पत्नी दीपिका, बेटे समीर, बेटी दिव्या, भाभी और उनकी बेटी सिमरन और उनका बेटा आर्व और पड़ोसी परमिता के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेकर पैदल लौट रहे थे, बताया गया है कि दिल्ली-दून हाईवे पर सकौती के पास उन्होंने शेष 6 सदस्यों को एक जीप में बैठा दिया। जीप चालक से कहा गया कि वह दौराला के आसपास पड़ने वाले फ्लाईओवर पर उन सभी को उतार दें। इसके बाद सोनू और बेबी दौराला पर पहुंचे तो उन्हें वहां कोई मौजूद नहीं मिला।
इसके बाद उन्होंने परिवार के सदस्यों की खोजबीन शुरू कर दी। तमाम कांवड़ियों के शिविर खंगाल दिए साथ ही कंकरखेड़ा तक खोजबीन करने के बावजूद भी रात तक उनका कुछ सुराग नहीं चल सका। सोनू ने बताया कि पत्नी दीपिका के मोबाइल नंबर पर लगातार घंटी जा रही है, मगर वह कॉल काट रही है। ऐसे में अनहोनी की आशंका बनी हुई है। सोनू ने कंकरखेड़ा थाना पहुंचकर 6 सदस्यों के गायब होने की तहरीर दी। परिजनों का कहना है कि कंकरखेड़ा पुलिस ने घटना स्थल क्षेत्र दौराला थाने का बताते हुए टरका दिया। देर रात तक FIR नहीं हो सकी है। वहीं इस मामले में फ़िलहाल पुलिस अधिकारी बोलने से बच रहे है|