इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इस्लामी संगठन के प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिंसा को शांत कराने के लिए पाक सरकार ने एक्शन लिया और जवानों को तैनाती के आदेश दिए। इससे पहले फैजाबाद इंटरचेंज पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के हटाने के लिए। सुरक्षाबलों द्वारा कार्रवाई की गई। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। जिसके बदले में उन्होंने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की तैनाती के लिए सांविधिक नियामक आदेश (एसआरओ) जारी किया है।
बता दें कि सुरक्षा स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है. सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी निजी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर भी रोक लगा दी. पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूव्वत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष हुआ. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किये।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है. प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाये जाने तक हटने से इनकार कर दिया है।