नई दिल्ली। पिछले दो सालों में विदेशी संस्थागत निवेश (एफडीआई) में रिकार्ड 53 फीसदी वृद्धि हुई है। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में यह जानकारी दी है। सरकार ने कहा कि निवेश में बढ़ोतरी का मुख्य कारण विकास, निवेश का माहौल, कीमतों में स्थिरता और राजकोषीय घाटे के सही तरीके से प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के कारण हुआ है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “एफडीआई में व्यापक सुधारों के कारण वर्ष 2015-16 में एफडीआई में सबसे ज्यादा इजाफा देखने को मिला है।”
उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा विकास, निवेश का माहौल, कीमतों में स्थिरता और राजकोषीय घाटे के सही तरीके से प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के कारण समग्र व्यापक आर्थिक स्थिरता आई है और देश में निवेश का माहौल अच्छा हुआ है।”
जेटली ने यह बात एक सवाल के जबाव में कही। पूछा गया था कि कितना पैसा विदेशी निवेशक लाभांश और रॉयल्टी के माध्यम से वापस ले गए हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम कहें कि वे मुनाफा नहीं कमा सकते तो कोई भी निवेश करने नहीं आएगा।”
उन्होंने कहा कि देशी-विदेशी दोनों तरह के निवेशक ‘उचित और अपेक्षानुरूप कर व्यवस्था’ चाहते हैं।