अम्बेडकरनगर। बसखारी पुलिस व एसडीएम आलापुर की संवेदनहीनता से एक बार फिर मानवता शर्मसार हो गयी। आलापुर तहसील के भोजपुर गाव की एक महिला को बसखारी पुलिस व एसडीएम आलापुर ने उसके 5 माह की दुधमुही बच्ची को माँ की ममता से दूर कर दिया है। उस बच्ची की माँ की ममता से दूर होने पर रो रो कर बुरा हाल है। उस अबोध बच्ची को क्या पता की उसकी माँ को बेरहम यूपी पुलिस के लोग शांति भंग की आशंका में (151)में चालान कर दिया है। माँ फैज़ाबाद जेल पहुंच चुकी है और बच्ची अस्पताल में।
मामला बसखारी थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव का है। लुम्बनी वाराणसी राष्ट्रीय राज मार्ग 233 के निर्माण के विरोध में उचित मुआबजा की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। शनिवार को सुबह ही जिला प्रशासन पूरे दल बल के साथ धरना स्थल पहुंचा और वहां सुबह किसान तो नहीं मिले लेकिन उनका टेन्ट और सारा सामान पुलिस थाने उठा ले गयी। धरना स्थल के बगल में ही मीरा का घर है। जिसमे वह अपने परिवार के साथ रह रही थी।
पुलिस द्वारा उत्त्पात मचने पर जब मीरा अपने घर से देख रही थी । तो पुलिस वहां पहुंचकर मीरा और उसकी चचेरी साँस को जबरदस्ती घसीटकर मारते पीटते हुए थाने उठा लायी। देर रात में मीरा और उसकी चचेरी सास सहित चार लोगो को जेल भेज दिया गया। लगभग 72 घंटे बीत गए और आज तीसरा दिन है लेकिन प्रशासन से अभी तक उस दुधमुही अबोध बच्ची की माँ को जमानत तक नहीं मिली है।
5 माह की संध्या और दो साल का बेटा सोनू अपनी माँ के लिए रो-रो कर तड़प रहे है। संध्या की हालात बिगड़ चुकी है वह तबसे कुछ खा पी नहीं रही है। अभी वह अपनी माँ का ही दूध पीती है। आज परिजन उसे लेकर बसखारी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर को दिखाने लेकर पहुंचे और बच्ची का इलाज करा रहे है। लेकिन बच्ची अपनी माँ के लिए तड़प रही है।
कार्तिकेय द्विवेदी, संवाददाता