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सुकन्या समृद्धि योजना में हुए 5 बड़े बदलाव, ध्यान नहीं दिया तो पड़ सकते हैं चक्कर में

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नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा लड़कियों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। जिसके चलते केंद्र सरकार की तरफ से उनकी पढ़ाई से लेकर उनकी शादी तक के लिए कई योजनाएं चलाई गई है। जिसके चलते चलते लड़कियों को अपने जीवन में आगे बढ़ने में कोई परेशानी न आए। इसके साथ ही सरकार द्वारा आए दिन किसी न किसी कानून को लेकर बदलाव किए जाते रहते हैं। जिनके द्वारा कभी-कभी ऐसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिनका हमें पता ही नहीं होता है। 2015 में केंद्र सरकार ने लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य बेटियों की पढ़ाई और उनकी शादी पर आने वाले खर्च को आसानी से पूरा करना है। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं। हालांकि कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है लेकिन फिर भी इन बदलावों की जानकारी होना जरूरी है। आइए जानते हैं ये बदलाव कौन से हैं।

ये हैं किए गए नए बदलाव-

  1. नए नियमों के अनुसार बेटी की मौत की स्थिति में या अनुकंपा के आधार पर सुकन्‍या समृद्धि खाते को समय से पहले बंद करने की इजाजत दी गई है। अनुकंपा में खाताधारक की जानलेवा बीमारी का इलाज या अभिभावक की मौत जैसी स्थितियां शामिल हैं। इससे पहले खाता सिर्फ दो ही परिस्थितियों में बंद किया जा सकता था, पहला, बेटी की मौत होने पर और दूसरा, उसके रहने का पता बदलने की स्थिति में।
  2. इस योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए महज 250 रुपये की जरूरत होती है। खाते को एक्टिव रखने के लिए हर साल न्यूनतम 250 रुपये जमा कराने होते हैं। अगर न्यूनतम राशि भी खाते में जमा नहीं हो सकी तो ऐसे खाते को डिफॉल्‍ट अकाउंट माना जाता है। नए नियमों के अनुसार, अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्‍योर होने तक डिफॉल्‍ट अकाउंट पर स्‍कीम के लिए लागू दर से ब्‍याज मिलता रहेगा। जबकि पहले डिफॉल्‍ट खातों पर पोस्‍ट ऑफिस सेविंग्‍स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्‍याज मिलता था।
  3. इसके अलावा भी कुछ अन्य बदलाव किए गए हैं। नए नियमों में खाते में गलत इंटरेस्‍ट डालने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है। इसके अलावा नए नियमों के तहत खाते में ब्‍याज वित्‍त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा।
  4. स्‍कीम के तहत दो बेटियों के लिए खाता खुलवाया जा सकता है। हालांकि, एक बेटी के जन्‍म के बाद दो जुड़वा बेटी हो जाती हैं तो उन सभी के लिए खाता खुल सकता है। नए नियमों के अनुसार, अगर दो से ज्‍यादा बेटियों का खाता खुलना है तो जन्‍म प्रमाणपत्र के साथ एफिडेविट भी जमा करना पड़ेगा। जबकि पहले अभिभावक को सिर्फ मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत पड़ती थी।
  5. पुराने नियमों के अनुसार बेटी को 10 साल की उम्र से खाते को ऑपरेट करने की इजाजत थी लेकिन नए नियमों के मुताबिक बेटी 18 साल के होने पर ही अब खाता ऑपरेट कर सकेगी। तब तक अभिभावक खाते को ऑपरेट करेंगे। बेटी के 18 साल का होने पर उस बैंक/पोस्‍ट ऑफिस में आवश्‍यक दस्‍तावेज जमा करने होंगे जहां खाता खुला है।

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